अरे! वाह, ऐसा अजब-गजब गाजीपुर मे ही सम्भव है।
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गाजीपुर-जब से जिलाचिकित्सालय गोराबाजार स्थित नये भवन मे आया था , तब से मेडिकल स्टोर वाले काफी परेशान थे। मेडिकल स्टोर वालों ने भाजपा नेताओं के आगे-पीछे खूब भागदौड़ किया। भागदौड़ का परिणाम यह निकला कि अकास्मिक सेवा कोतवाली के पास वाली पुरानी बिल्डिंग मे चलेगी और ओपीडी गोराबाजार के नये भवन मे चलेगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी के अनुसार पुराने जिला अस्पताल में फिर से इमरजेंसी सेवा बहाल होगी। नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद अग्रवाल की पहल पर अस्पताल प्रशासन ने यह फैसला किया है। सीएमओ गिरिशचंद्र मौर्य प्रसाद ने यह बात कबूली। कहे कि पुराने अस्पताल में प्राइमरी इमरजेंसी की सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था स्थानीय स्तर पर ही हो रही है। शासन से इसके लिए कोई आदेश नहीं मिला है। इस मामले में प्रदेश का शायद गाजीपुर पहला जिला होगा जहां 200 बेड के हॉस्पिटल के बावजूद प्राइमरी इमरजेंसी की सेवा कहीं और उपलब्ध कराई जाएगी। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कोशिश है कि प्राइमरी इमरजेंसी में चार डाक्टरों की ड्यूटी लगाई जाए। वैसे तो सुबह आठ से शाम दो बजे तक ही प्राइमरी इमरजेंसी चलाने की तैयारी थी लेकिन राजनीतिक दबाव है कि यह सेवा 24 घंटे बहाल रहे। हालांकि मानव संसाधन की भी कमी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्राइमरी इमरजेंसी में केवल फस्ट एड की सुविधा मिलेगी। रोगी को भर्ती करने का काम गोराबाजार स्थित नए अस्पताल भवन की इमरजेंसी वार्ड में होगा। बताए कि प्राइमरी इमरजेंसी का संचालन 27 या 28 मार्च से शुरू होगा। पुराने अस्पताल में इमरजेंसी सेवा बहाल रखने की मांग को लेकर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के बैनर तले पुराने अस्पताल के सामने राय कटरा में गुरुवार की शाम बैठक हुई थी। उस बैठक में उद्योग व्यापार मंडल, सर्रफा व्यापार मंडल, कपड़ा व्यापार मंडल के अलावा समाजसेवी संस्थाएं, सिविल बार एसोसिएशन आदि के प्रतिनिधियों ने पुराने भवन में इमरजेंसी सेवा हटाने पर आक्रोश जताया था। बैठक में नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन विनोद अग्रवाल ने कहा था कि फिर से पुराने भवन में इमरजेंसी सेवा बहाल होगी। बैठक में समाजसेवी विवेक कुमार सिंह शम्मी, अबू फकर खां, अशोक अग्रहरि, असलम खां, विजय शंकर वर्मा, श्याम बिहारी मिश्र आदि लोग बैठक मे उपस्थित थे। गोराबाजार में नए अस्पताल भवन का हस्तांतरित होने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने सबसे पहले वहां इमरजेंसी विभाग को ही शिफ्ट किया था।