अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के गोंद लिये गांव का हाल-बेहाल
गाजीपुर- बाराचवर विकास खंड के मौरा ग्राम पंचायत के राजस्व गांव अमीरहा को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने गोद लिया है। इस गांव में जाने के लिए सड़क तक नहीं है। जल निकासी एक बड़ी समस्या है। गांव में मुस्लिम आबादी अधिक है। गांव में सरकारी योजनाएं सिर्फ नाममात्र की ही हैं। राशन कार्ड और पेंशन की हालत बहुत दयनीय है।
अमीरहा को तीन हजार की आबादी वाले मौरा ग्राम पंचायत का एक पुरवा के रूप में जाना जाता है। इस गांव में जाने की सड़क जर्जर हो गई है। बड़े-बड़े गड्ढों की वजह से इस गांव के लोगों को आने जाने में काफी दिक्कतें होती हैं। गांव में बनी नालियों की साफ-सफाई का जबरदस्त अभाव है। इस गर्मी में भी नालियों से दुर्गंध आती है जबकि अभी बरसात बाकी है। गांव स्थित मदरसे में लगा हैंडपंप काफी दिनों से खराब पड़ा है। प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय है लेकिन चहारदीवारी नहीं है। घुमंतू जानवरों से बच्चों को हमेशा खतरा बना रहता है। जल निकासी के अभाव में घरों से निकलने वाला गंदा पानी गांव की गलियों से होकर बहता है। हल्की बारिश में भी ग्रामीणों को गंदे पानी से गुजरना पड़ता है। गंदगी की वजह से संक्रामक रोगों का खतरा बना रहता है। घर घर शौचालय की व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है। दलित बस्ती के पास लोग खुले में शौच करते हैं। चिकित्सा सेवा की हालत सबसे खराब है। मामूली तबीयत खराब होने पर भी लोगों को दूरदराज के स्वास्थ्य केंद्र पर जाना पड़ता है। खराब रास्ता महिला मरीजों के लिए काफी तकलीफदेह साबित होता है। इस गांव का चयन पंडित दीनदयाल योजना के रूप में हुआ है। राशन, पेंशन, आवास, शौचालय आदि योजनाओं की हालत भी ऐसी ही है।
ग्राम प्रधान नेसार खां ने बताया की गांव में सड़क, पानी और आवास और स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतें हैं। सर्वांगीण विकास के लिए हम प्रयासरत हैं। इस गांव में आवास की ज्यादा आवश्यकता है। गांव के नंदलाल राम ने बताया कि सफाई कर्मचारी की मनमानी के चलते नालियां जाम होकर बजबजा रही हैं। कहीं-कहीं सड़क पर गंदा पानी भी बहता रहता है। कभी कभी ग्रामीण आपसी सहयोग से नाली साफ करते हैं। कुद्दूस खां ने बताया की मौरा गांव को जोड़ने वाली सड़क बहुत दिनों से खराब पड़ी है जिससे आने वाले लोग रात में गिरकर चुटहिल हो जाते हैं। शेख इस्लाम ने बताया कि इस गांव में निराश्रित एवं वृद्धा पेंशन योजना लगभग ठप पड़ी है। कई पात्रों का राशन कार्ड नहीं बना है जिससे उनको राशन लेने में दिक्कत होती है। मोहन राजभर ने बताया कि हमारे पुरवे में पेयजल गंभीर समस्या बनी है। इस प्रचंड गर्मी में प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त हैंडपंप नही है। श्रवण राजभर ने कहा कि आवास नहीं मिलने से कई लोग झोपड़ी में रहने को विवश हैं।