आंगनबाडी-एक तरफ मानदेय के लाठियां तो दुशरे तरफ पंजीरी घोंटाले की जाँच के लिए धरना

लखनऊ- वैसे तो उत्तर प्रदेश मे आंगनबाडी कार्यकरतियो के कई संगठन है लेकिन वर्ष 2016 मे महिला आंगनबाडी कर्मचारी संघ के बैनर तले लखनऊ मे ऐतिहासिक प्रदर्शन हुआ था जिसके स्वयंभू प्रदेश/राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश पान्डे जी है और प्रदेश महामंत्री नीलम पन्डे है।वर्ष 2016 के 27-28सितंबर को लखनऊ के लक्ष्मण झूला पार्क मे लाखों आंगनबाडी कार्यकरतियो को मानदेय बृद्धि के नाम पर गिरीश पान्डेय ने एकत्र किया था । धरना देते-देते जब अपराहन 2 बज गया तो ,कार्यकरतियो ने पान्डेय जी से कहना शुरू किया कि गुरु जी आपने विधानसभा घेराव के लिए बुलाया है तो चलिये ,विधानसभा का घेराव किया जाय । कार्यकर्त्रियों के इस बात से नाराज गिरीश पान्डेय वहां से लाखों कार्यकरतियो को छोड कर चले गये। नेतृत्व बिहीन लाखों आंगनबाडी कार्यकरतियो ने लखनऊ की लाईफ लाईन कही जाने वाले विधानसभा के साम्हने अशोक मार्ग को जाम कर दिया। तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से दुशरे दिन आंगनबाडी कार्यकरतियो के प्रतिनिधि मंण्डल जिससे गीतांजलि मौर्या,सरिता सिह,यासीन खातुन, प्रभावती देबी,बाला सैनी सामिल थी की वार्ता हुई और मानदेय मे 800/रू०की बृद्धि सरकार ने स्वीकार कर लिया। यहीं से एक दुशरे संगठन का आंगनबाडी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन का जन्म हुआ। गीतांजलि मौर्य प्रदेश अध्यक्ष, सरिता सिह प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रभावती देबी प्रदेश महासचिव और यासमीन खातुन प्रदेश प्रवक्ता बनी । गीतांजलि मौर्या के संगठन से जुड़ी कार्यकरतियां 18 सितंबर से 21 अक्टूबर तक जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर कांम बन्द कलम बन्द हडताल करने के बाद 23 अक्टूबर को मानदेय बृद्धि की मांग को लेकर लखनऊ के जी०पी०ओ०मे डंटी हुई है और पुलिस की लाठी-डण्डा खा रही है और वही गिरीश पान्डेय जी के संगठन से जुड़ी आंगनबाडी कार्यकरतियां 45 हजार करोड़ के पंजीरी घोंटाले की जाँच होने तक जिला मुख्यालयों पर धरना देने की नौटंकी कर रही है। गिरीश पान्डेय का पंजीरी घोंटाले से क्या सम्बंध है यह रहस्य और जांच का बिषय है।