आखिर वेल्डर कमिशन किस को देते है ?
सैदपुर-आरपीएफ उपनिरीक्षक नरेश कुमार मीणा ने बताया कि वेंडरों के लाईसेंस को चेक किया जाता है। बताया कि अगर कोई भी अवैध वेंडर पानी बेचते हुए या किसी स्टाल ट्राली पर लोकल पानी बिकते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नही है जमानियां रेलवे स्टेशन पर प्यास बुझाने के लिए यात्रियों को रेल नीर नहीं मिल पा रहा है। स्टालों से नीर पानी की बोतल गायब है और अन्य ब्रांड का पानी बेचा जा रहा है। यह सब खेल वेंडर अधिक कमीशन के चक्कर में कर रहे हैं। रेल प्रशासन ने ट्रेनों तथा स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा के लिए रेल नीर पानी बोतल का आदेश किया है। शुरू में स्टेशन के स्टाल तथा वेंडरों के हाथ में रेल नीर दिखाई दिया, लेकिन धीरे-धीरे रेल नीर स्टेशन से गायब हो गया। रेल नीर के स्थान पर अन्य ब्रांड का पानी स्टॉल तथा ट्रेनों में बेचा जा रहा है। जब यात्री वेंडर से रेल नीर के बारे में पूछता है तो एक उत्तर मिलता है कि रेल नीर नहीं आ रहा है। रेलवे स्टेशन पर करीब सौ बोतल पानी की बिक्री है। वेंडर को रेल नीर की बोतल थोक में 12 रुपये में मिलती है और 15 रुपये में बिकती है। एक बोतल पर तीन रुपये वेंडर को कमीशन मिलता है। जबकि अन्य लोकलब्रांड का पानी वेंडर को दस रुपये थोक में पड़ता है। वेंडर ट्रेन तथा स्टेशन पर 20 रुपये में पानी की बोतल बेचते हैं। स्टेशन पर दो स्टाल और चार वेंडर हैं। बीस रुपये में बिकता है बोतलबंद पानी दिलदारनगर : स्थानीय रेलवे स्टेशन पर कुल पांच स्टाल हैं। इसमें एक हमेशा बंद रहता है। चार स्टालों पर कुल नौ वेंडर हैं। लेकिन इन स्टालों पर वेंडर रेल नीर के बदले लोकल पानी अधिक कमीशन के चक्कर में बेचते हैं। रेल नीर के बारे में पूछने पर वेंडर ने पहले तो कुछ बोलने से इन्कार किया बाद में कहा कि जो मिल जाता है वही बेचते हैं। बोतल का दाम पूछा तो 20 रुपया बताया।
इन सब का जिम्मेदार कौन है