एमएलसी से पहली मुलाकात, नाम बडे और दर्शन छोटे

गाजीपुर – आज मुझे गाजीपुर के निवासी और एमएलसी विशाल सिंह चंचल के भूतहियांटाड स्थित कार्यालय पर जाने का अवसर प्राप्त हुआ। वहां जाने का उद्देश्य मेरे मित्र प्रेम सिंह जो ग्राम गोरखा के रहने वाले हैं उन्होंने अपने ग्राम प्रधान से दो निर्माण कार्य का प्रस्ताव ग्राम प्रधान के लेटर पैड पर लिख कर दिलवाया था, और उन्होंने कहा था कि माननीय एमएलसी साहब तक ग्राम प्रधान के इन दोनों प्रस्तावों को पहुंचा दीजिएगा । आज जब मैं और जिला संरक्षक आंगनवाडी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन गाजीपुर सूरज प्रताप सिंह एम.एल.सी. साहब के कार्यालय पर गये तो वहां आधे घंटे से अधिक समय तक मुझे प्रतीक्षा करनी पड़ी। प्रतिक्षा से उब कर जब मैं और सूरज प्रताप सिह निराश होकर वापस लौट रहे थे तो सीढियो पर पाठक जी मिल गए और वापस एमएलसी साहब से मिलवाने ले चले । वापस फिर जा कर हाल मे बैठे , 5 मिनट बाद एमएलसी साहब से मुलाकात हुई। मै और सूरज नमस्कार करते हुए एक -एक कुर्सी पर बैठ गये, और देर न करते हुए मैने पाकेट में हांथ डाला और ग्राम प्रधान के दोनों प्रस्ताव एमएलसी साहब के हाँथ में देते हुए कहा की आप के गाँव के पडोसी ग्राम प्रधान का प्रस्ताव है उन्होंने आप तक पंहुचाने के लिए दिया था। एम एल सी साहब ने प्रस्ताव पढा और मुझे वापस करते हुए कहा कि उन से कहिए(ग्राम प्रधान से) रविवार को आकर मिलें । मै उठ और नमस्कार किया और चलता बना । वापस आते समय मै सोच रहा था कि न चाय न पानी यानि नाम बडे और दर्शन छोटे ।

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