करण्डा के कटान पीडित पंहुचे डीएम दरबर

गाजीपुर-मंगलवार को दिन में करीब साढ़े 11 बजे बड़हरिया, सोकनी और रफीपुर के किसान जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे। डीएम के न रहने पर कटान संबंधित पत्रक मुख्य राजस्व अधिकारी को सौंपा। दिए गए पत्रक में बड़हरिया, सोकनी और रफीपुर गांव के लोग वर्षों से कटान का दंश झेल रहे हैं। हर वर्ष किसानों की भूमि कटकर गंगा में गिर रही है और किसान बेबसी हालत में कटती हुई भूमि को देख रहे हैं। कटान रोकने के नाम पर शासन-प्रशासन द्वारा सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाई जा रही है। कटान रोकने का कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है। किसानों ने कहा कि इस वर्ष भी कटान खेतों को काटने के बाद आबादी की तरफ तेजी से बढ़ रहा है। इससे दर्जनों मकानों पर खतरा मंडराने लगा है। मांग की कि बाढ़ के सीजन में कटान रोकने का एकमात्र उपाय पीपा पुल कटान प्रभावित किनारे पर लगाना है। जब झाड़ियों, पेड़ आदि लगाकर पानी का बहाव धीमा कर कटान रोका जा सकता है तो पीपा लगाकर क्यों नहीं। पीपा लगने से पानी की तेज लहरें पीपा से टकराकर धीमी हो जाएगी, जिससे मिट्टी का कटाव नहीं होगा। पीपा लगने से उक्त स्थान पर मिट्टी का भराव भी हो जाएगा। चेतावनी दी कि यदि दो दिन के अंदर कटान रोकने के लिए पीपा नहीं लगाया गया तो हम बेबश किसान आंदोलन करते हुए स्वयं पीपा लगाने को बाध्य होंगे। इस दौरान यदि कोई दुर्घटना होती है तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन होगी। इस मौके पर देवेश सिंह, रमापतति गौतम, प्रिंस दुबे, हवलदार चौधरी, दिनेश सिंह, उपेंद्र सिंह, सुनील यादव, बृजेश यादव, पंचदेव सिंह, कंचन यादव, बसगित यादव, दामोदर यादव, उमेश यादव, जीतन यादव, विनोद यादव, चंद्रमा यादव, हरिदयाल, बृजभान, पवन, टुन्ना यादव, त्रिभुवन, रमेश यादव, अवधू यादव, लल्लन यादव आदि किसान मौजूद थे।