करण्डा – डी०एम० के फेल आदेश के बाद अब हाईकोर्ट का आदेश

गाजीपुर – करण्डा थानाक्षेत्र के ग्राम मानिकपुर कला मे करीब 6 माह पहले गांव के ही दो लोगों ने अपने दरवाजा के पास स्थित गांवसभा की गड़ही को जबरदस्ती पाटकर सहन बना दिया था। इसकी शिकायत गांव के ही राधेश्याम सिंह, राजन सिंह सहित दर्जनों लोगों ने लिखित रूप से जिलाधिकारी से किया था। ग्रामीणों की शिकायत पर जिलाधिकारी ने गड़ही को खुदवाने के लिए तत्कालीन सडीएम सदर को निर्देशित किया था। एसडीएम के आदेश पर लेखपाल राजेंद्र गुप्ता ने जेसीबी से गड़ही खुदवाना शुरू कर दिया था, लेकिन कुछ देर बाद दबंगों ने जेसीबी चालक को डांट-फटकार कर जेसीबी हटवा दिया। इसकी जानकारी प्रशासन को होने पर सदर एसडीएम विनय गुप्ता के आदेश पर लेखपाल राजेंद्र गुप्ता ने शैलेश सिंह एवं बजरंगी सिंह के खिलाफ करंडा थाना में 7 फरवरी 2018 को सार्वजनिक सम्पत्ति निवारण अधिनियम-1984 की धारा 3 (2) क के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया था, लेकिन उस मामले में प्रशशसन ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई। प्रशासन की उदासीनता से परेशान मानिकपुर कलां के राधेश्याम सिंह एवं 14 अन्य ने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर किया। जिसपर माननीय उच्च न्यायालय ने 3 मई को जिलाधिकारी गाजीपुर को निर्देश दिया कि राजस्व संघिता की धारा 67 का अनुपालन कराते हुए गांव सभा की गड़ही को एक माह के भीतर खोदवाकर कब्जेदारों से मुक्त कराया जाय। एक माह बीतने के बाद भी हाईकोर्ट के जनहित में दिए गए आदेश का पालन नहीं कराया गया। इससे ग्रामीणों में इस बात से निराशा है कि उच्च न्यायालय के आदेश पर भी अतिक्रमण नहीं हटाया गया। इस संबंध में सदर एसडीएम का प्रभार संभाले नायब तहसीलदार सदर राकेश कनौजिया ने कहा कि अविलंब गड़ही से अवैध कब्जा हटवाया जाएगा

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