कासिमाबाद ब्लॉक प्रमुख के भाग्य का फैसला 22 अप्रैल को

गाजीपुर-कासिमाबाद ब्लाक प्रमुख श्याम नारायण राम के खिलाफ आये अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख जिलाधिकारी ने तय कर दिया है। डीपीआरओ लालजी दूबे ने बताया की डीएम के आदेश के हवाले से अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा 22 अप्रैल की सुबह दस बजे कासिमाबाद क्षेत्र पंचायत की बैठक बुलाई गई है। बैठक की अध्यक्षता एसडीएम कासिमाबाद भगवानदीन करेंगे। ज्ञात हो कि 26 मार्च को विरोधी खेमे के बीडीसी सदस्यों ने अनिल राम की अगुवाई में डीएम से मिल कर प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस दी थी। नोटिस के साथ अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में कुल 120 सदस्यों में 81 सदस्यों के शपथ पत्र भी दिए गए थे। वहीं दूसरे दिन ब्लाक प्रमुख श्याम नारायण भी डीएम से मिले थे और उन्होंने अपने पक्ष में ७६ बीडीसी सदस्यों के शपथ पत्र सौंपे थे लेकिन अब जबकि डीएम ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख तय कर दी है तो कासिमाबाद क्षेत्र पंचायत की राजनीति भी गरमा गई है। मौजूदा वक्त में ब्लाक प्रमुख श्याम नारायण भासपा में हैं। भासपा उनकी कुर्सी बचाने में हर संभव कोशिश करेगी लेकिन इलाकाई राजनीति में भासपा की सहयोगी भाजपा के नेता भी पर्दे के पीछे से श्याम नारायण की खिलाफत कर रहे है । अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में बसपा और सपा पूरी तरह से लामबंद हैं। श्याम नारायण कभी बसपा में थे लेकिन ब्लाक प्रमुख चुनाव में कुर्सी हथियाने के लिए वह तत्कालीन सत्तारूढ़ पार्टी सपा का दामन थाम लिए थे। चुनाव में श्यामनरायन के खिलाफ अंसारी बंधुओं के खास कांता राम मुकाबिल थे लेकिन प्रदेश सरकार की तत्कालीन मंत्री शादाब फातिमा की कृपा से वह प्रमुख की कुर्सी पर काबिज होने में सफल हो गए थे। उनके चयन पर अंसारी बंधुओं ने सरकारी मशीनरी के खुलेआम दुरुपयोग का मय साक्ष्य आरोप भी लगाया था लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई थी। बाद में अंसारी बंधु बसपा में आ गए। फिर कांता राम का भी निधन हो गया। अंसारी बंधुओं ने कांता राम की रिक्त सीट से उनके बेटे अनिल राम को जीत दिलाई और अब उनकी पूरी कोशिश है कि अनिल राम को प्रमुख बना कर अपने दिवंगत साथी के ख्वाब को पूरा किया जाए। वैसे अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस के बाद भासपा जिलाध्यक्ष कैप्टन रामजी राजभर ने दावा किया था कि अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा लेकिन इलाकाई राजनीति पर नजर रखने वालों का कहना है कि अंसारी बंधुओं की बिछाई बिसात में श्याम नारायण चित हो जाएं तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी

Leave a Reply