गाजीपुर- महिला आंगनबाडी कर्मचारी संघ की बहुप्रचारित काम बन्द-कलम बन्द हडताल समाप्त हो गयी है। संगठन के मुखिया गिरिश पान्डेय ने कल ही प्रेस विज्ञप्ति के माध्म से इस बात की सूचना दिया है। इस संदर्भ मे जब दुशरे गुट आंगनबाडी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन के जिला संरक्षक सूरज प्रताप सिह की प्रतिक्रिया जानने की कोशिस किया गया तो उन्हो बताया कि ” पान्डेय जी की असली लडाई निदेशक आनन्द कुमार सिह के स्थानान्तरण को लेकर थी जो 29 जून को ही होगया था। आंगनबाडी कार्यकरतीयो मे गिरीश पान्डेय की विश्वसनियता खत्म हो चूकी है। 1992 से आज तक इनका सरकारो से सिर्फ समझौता होता आ रहा है लेकिन होता कुछ नही है। श्री सिह ने आगे कहा कि गिरीश पान्डे के संगठन को शासन से मान्यता भी प्राप्त नही है। अपने संगठन को शासन से मान्यता दिलाने के लिये लखनऊ हाई कोर्ट मे याचिका संख्या-22435/2016 भी डाला था लेकिन हाई कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दिया कि ” महिलाओं के संगठन का पुरूष मुखिया नही हो सकता है “। अपनी भडास निकालते हुए सूरज प्रताप सिह ने कहा कि “” पान्डेय जी का संगठन और उनके पदाधिकारी सिर्फ चन्दा लेना जानते है , चन्दे का हिसाब देना नही जानते “”।