खाद्यान्न घोटाला- 21 कोटेदारों व विभागीय कर्मीयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

गाजीपुर-जिले में खाद्यान्न वितरण की जांच की जा रही है, जिसमे बड़ा घोटाला सामने आया है। जिले के उन 31 आधार कार्डों को लिया जा सकता है जिससे जुलाई माह में 3060 बार राशन का आहरण किया गया है। लखनऊ की एनआइसी ने जब यह गड़बड़ी पकड़े तो जिले के अधिकारियों की तंद्रा टूटी। अब डीएम ने डीएसओ को इस पूरे मामले की जांच का निर्देश दिया है। इस मामले में मंगलवार की शाम 21 आरोपितों के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया गया। इसमें कंप्यूटर आपरेटर व कोटेदार सहित वह लोग भी शामिल हैं जिनका आधार कार्ड प्रयोग हुआ है। गबन और भ्रष्टाचार के एक से बढ़कर एक किस्से सामने आ चुके हैं। इसकी ताजा कड़ी में एक नया मामला प्रकाश में आया है। जिले के गाजीपुर और जमानियां नगर पालिका क्षेत्र में POS मशीन से राशन का वितरण किया जा रहा है। बीते दिनों NIC लखनऊ ने जिले में राशन वितरण में बड़ा घोटाला पकड़ा। नगर क्षेत्र में 31 आधार नंबर से 3060 बार राशन का आहरण किया गया है। करीब दो दुकानें ऐसी हैं, जहां अकेले 18 क्विंटल राशन का उठान किया गया है। इस घोटाले में गाजीपुर और जमानियां के कुल 42 दुकानदार शामिल हैं। इतने बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी की सूचना मिलते ही एनआइसी के अधिकारियों ने तत्काल इसकी सूचना जिलाधिकारी को पत्र के माध्यम से दी। इसके बाद डीएम गाज़ीपुर ने डीएसओ कुंवर देवेंद्र प्रताप सिंह को सघन जांच करने का निर्देश दिया है। जिले में राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने का काम काफी तेजी से किया जा रहा है। सभी कोटेदारों को पीओएस मशीन भी लगाने का निर्देश दिया गया है। जिले के कुल 5.30 लाख राशन कार्डों पर करीब 25 लाख लोगों को सस्ते दर पर राशन मुहैया कराया जा रहा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इस गड़बड़ी में कोटेदार, कंप्यूटर आपरेटर और वेंडर की मिली भगत है। इस मामले में 21 लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज होने के बाद संबंधित अन्य लोगों की धड़कने तेज हो गई हैं। फिलहाल जांच जारी है। तकनीकी आपरेटरों और कोटेदारों ने राशन कार्ड के वास्तविक लाभार्थी के आधार नंबर को एडिट कर डाटाबेस में किसी दूसरे का आधार नंबर फीड कर दिया। इसके बाद जो साफ्टवेयर है उसे हैक कर उसी की अंगुलियों के निशान का प्रयोग कर अनाज निकाल लिया। इसके बाद साफ्टवेयर की प्रक्रिया पूरी होने पर वास्तविक लाभार्थी के आधार नंबर को फिर डाटाबेस में अपडेट कर दिया गया। ऐसे में जो उस राशन का वास्तविक हकदार था, वह इससे वंचित हो गया है। कुछ आधार नंबर का ही बार-बार प्रयोग होने पर यह मामला पकड़ में आ गया। वहीं इस पूरे मामले में डीएसओ गाज़ीपुर कुंवर डीपी सिंह ने मीडिया सूत्रों को जानकारी दी है कि राशन वितरण के साफ्टवेयर को हैक कर जिले 31 आधार नंबर से 3060 बार राशन का आहरण किया गया है। जिलाधिकारी के निर्देश पर इसकी जांच चल रही है। इसमें कुल 42 कोटेदार शामिल हैं। करीब दो दुकानें ऐसे हैं, जिनके यहां से 18 क्विंटल राशन का आहरण किया गया है। जांच में मिले 21 आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है। जांच चल रही है अन्य दोषियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।