गद्दार निकले एडेड विद्यालय के शिक्षक, वित्तविहीनों को छोडा

गाजीपुर। यूपी बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन कार्य में एडेड शिक्षक सशर्त हिस्सेदारी करेंगे। गुरुवार की देर शाम माध्यमिक शिक्षक संघ संयुक्त समिति की शास्त्री नगर में कोर कमेटी की हुई बैठक में यह फैसला हुआ। बैठक के बाद समिति के वरिष्ठ नेता विनोद सिंह ने बताया कि वित्तविहीन शिक्षक मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार जारी रखेंगे जबकि एडेड विद्यालयों के शिक्षक 23 मार्च से मूल्यांकन का काम करेंगे। बताए कि मूल्यांकन कार्य पर लौटने के फैसले से डीएम को अवगत करा दिया गया है। यह फैसला सशर्त है। शर्त के मुताबिक तीन दिन के भीतर डीआईओएस नरेंद्रदेव पांडेय का तबादला किया जाए। अगर ऐसा नहीं होता है तो उनके पॉवर सीज किए जाएं। दूसरा शिक्षकों के बहिष्कार की अवधि की उपस्थित लगाई जाए और उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। तीसरा जीजीआईसी गाजीपुर की प्रिंसिपल मानविका सिंह को फिर से मूल्यांकन केंद्र का प्रभार सौंपा जाए। श्री सिंह ने चेतावनी दी कि अगर उनकी यह मांगें पूरी नहीं हुई तो फिर एडेड शिक्षक दोबारा मूल्यांकन कार्य के बहिष्कार के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एडेड शिक्षक वित्तविहीन शिक्षकों की लड़ाई में उनके साथ हैं। कोर कमेटी की यह बैठक सुबह जीजीआईसी गाजीपुर मूल्यांकन केंद्र पर पहुंचे डीएम के बालाजी के आग्रह पर हुई। डीएम ने मौके पर कहा कि वित्तविहीन तथा एडेड शिक्षकों की मांगों से भिज्ञ हैं। जब भी उनकी ओर से अपनी मांगों को लेकर उन्हें पत्रक मिले हैं। वह शासन को प्रेषित किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में वित्तविहीन शिक्षक मूल्यांकन कार्य से दूर हैं लेकिन अकेले गाजीपुर में ही उनके साथ एडेड शिक्षक हैं। डीएम ने यह भी कहा कि सवाल बच्चों के भविष्य का है। इस पर विचार करने की नैतिक जिम्मेदारी शिक्षकों की भी बनती है। रही बात वित्तविहीन शिक्षकों की मानदेय की मांग की तो इसका निराकरण शासन स्तर से ही संभव है। मौके पर शिक्षकों ने डीएम को आश्वस्त किया था कि कोर कमेटी की बैठक में फैसला होगा। बैठक में रामानुज सिंह, चौधरी दिनेशचंद्र राय, प्रकाशचंद्र दूबे, गिरीश चंद्र राय, नारायण उपाध्याय, शिवकुमार सहित वित्तविहीन शिक्षक नेताओं में सीताराम यादव, सूर्यनाथ यादव आदि थे। मालूम हो कि मूल्यांकन का काम बीते १७ मार्च से शुरू है लेकिन तब से एडेड और वित्तविहीन शिक्षक मूल्यांकन का बहिष्कार कर रहे हैं। हालांकि डीआईओएस नरेंद्रदेव पांडेय का दावा है कि कुल सात केंद्रों में तीन पर मूल्यांकन का काम सुचारू रूप से शुरू हो गया था।

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