गाजीपुर-अरे सत्यानाशी कमलेश तेरा पियक्कड़ों नें क्या बिगाड़ा था ?

गाजीपुर- सत्यानाश हो दैनिक भास्कर के छायाकार/ पत्रकार कमलेश यादव का, हम पियक्कड़ों को चोरी-छिपे दारू की व्यवस्था हो जा रही थी यह अलग की बात है कि हम लोगों का भयंकर शोषण हो रहा था। 100 रूपये वाली फ्रूटी 180 में मिल रही थी, 250 रूपये वाला अद्धा 500 में मिल रहा था और 500 रूपये वाला बोतल 800 में मिल रहा था, लेकिन अरे सत्यानाशी कमलेश तूने खबर क्या छाप दी , हम लोगों को दारू भी नसीब हो ना बंद हो गया। अरे वो करम जले हम पियक्कड़ों से तेरी किस जन्म की दुश्मनी थी ? कि पियक्कड़ बड़े साहब से पंगा ले लिया। पंगा ही नहीं ले लिया खबर भी छापा दिया। अरे दुश्मन लाँकडाउन भले था, सब दुकान बंद थी, यहां तक कि शराब की दुकान भी बंद थी लेकिन हम पर ब्लैक में बेचने वाले मेहरै थे, अरे सत्यानाशी दुश्मन हम पियक्कड़ों को चाहने वाले भले हमारा शोषण कर रहे थे लेकिन हमें रात में सोने के लिए अंगूर की बेटी का गोंद तो उपलब्ध करा दे रहे थे लेकिन तेरी वजह से हम लोगों को 2 दिन से अंगूर की बेटी के दर्शन नहीं हुए हैं। अब हम लोगों को लग रहा है कि तेरे चलते हम पियक्कड़ों का अब लाँकडाउन हो गया। अरे वो सत्यानाशी,करम जले तेरे दोस्ती से तौबा, तेरे गांव से तौबा, तेरे खानदान से तौबा ( हास्य-ब्यंग)

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