गाजीपुर-आधा अधूरा ज्ञान, झोला छाप डाक्टर ले रहे जान
गाजीपुर-चिकित्सा के क्षेत्र का आधा अधूरा ज्ञान जान मुसीबत में डाले हुए है। कोई कार्रवाई न होने से झोलाछाप डाक्टर आए दिन लोगों की जान ले रहे हैं। लगातार हो रही घटनाओं से सरकारी व्यवस्था पर भी सवाल उठ रहे हैं। आखिर इन झोलाछाप पर शिकंजा कसने में स्वास्थ्य विभाग नाकाम क्यों है ? हालांकि विभाग हर बार यही दावा करता है कि झोलाछापों पर कार्रवाई की जा रही है।ऐसा ही एक फर्जी डाक्टर जखनियां बाजार से सटे भुड़कुडा़ कोतवाली से महज सौ मीटर दूर और एसडीएम आवास के ठीक पीछे चन्द्रावती हास्पिटल हेल्थ केयर नाम से अपना हास्पिटल खोले बैठा है जिसका रजि नं 960 है जो किसी डा०आर.के. गुप्ता (एमबीबीएस) के नाम है।फर्जी तरीके से हास्पिटल का रजिस्ट्रेशन करवा लिया है।और खुद मरीजों का इलाज और आपरेशन करता है। मजे की बात यह है कि जिस डॉक्टर के नाम से हॉस्पिटल पंजीकृत है उस डॉक्टर का यहां से कोई लेना-देना ही नहीं है और ना ही कभी हॉस्पिटल पर कभी आते हैं। महज कुछ पैसा देकर डाक्टर के रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल किया जाता है।यह रसूखदार झोलाछाप डॉक्टर सरकारी हॉस्पिटल के महिला स्वास्थ्य कर्मियों से अपनी सांठगांठ बैठाए रखा है। जब भी सरकारी हॉस्पिटल में कोई डिलीवरी की केस आती है या बच्चेदानी सम्बन्धी कोई समस्या आती है तो सीधे इस हॉस्पिटल के लिए रिफर कर दिया जाता है।हर केस लाने पर कमीशन फिक्स कर रखा है। अगल बगल क्षेत्र के गांव में भी अपना एजेंट फिक्स कर रखा है। हर केस लाने पर उनको एडवांस कमीशन देता है। यहां पर कमजोर गरीब परिवार के लोगों को अपने जाल में फंसाया जाता है।यहां पर ज्यादातर डिलीवरी, बच्चेदानी का ऑपरेशन किया जाता है।अगर महिला को कोई भी अंदरूनी समस्या है तो सर्वप्रथम बच्चेदानी के ऑपरेशन की सलाह देता है।क्योंकि ऑपरेशन के जरिए अच्छी खासी कमाई भी हो जाती है यहां पर कमजोर और गरीब तबके की महिलाओं का ही इलाज करता है।अगर मरीज बच गया तो वाह वाह और मर गया तो ऊपर वाले को मंजूर नहीं था यही कह कर वापस भेज देता है। क्योंकि गरीब और असहाय व्यक्ति इसके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई भी नहीं कर पाता है।अगर कोई व्यक्ति इस पर कार्रवाई की भी बात करता है तो यह उल्टे उस पीड़ित व्यक्ति पर ही पुलिस एफ आई आर दर्ज करवा देता है की यह पीड़ित अन्यत्र कहीं और ऑपरेशन करवा के मुझे फर्जी तरीके से बदनाम करने की साजिश का कर रहा है। चालाक इतना है कि किसी मरीज को अपने हॉस्पिटल के नाम का कोई दवा रसीद या अपने हास्पिटल के नाम का कोई डिस्चार्ज लेटर नहीं देता है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जिसमें ग्रामसभा सुल्तानपुर दुल्लहपुर का जिसमें एक महिला अनीता देवी चन्द्रावती हास्पिटल हेल्थ केयर सेन्टर में सिजेरियन डिलीवरी करवायी थी जिसका आपरेशन राजेश यादव ने किया था। और आपरेशन के दौरान महिला के पेट में ही रुमाल छोड़ दिया और ऊपर से टांके लगाकर सिलाई कर दिया था करीब डेढ़ महीने तक महिला परेशान थी बार बार उसके यहां जाकर इलाज कराती रही लेकिन जब उसमें सुधार नहीं हुआ तो अन्यत्र डॉक्टर के यहां जाकर अपनी जांच करवाई तो उसकी जांच रिपोर्ट में आया कि ऑपरेशन के दौरान उसके पेट में रुमाल छूट गई थी।अभी भी उक्त महिला का इलाज चल रहा है। जब वह पीड़ित महिला इस तथाकथित डा.राजेश यादव से शिकायत की तो कहा की ये बात किसी से बताना मत।और इन्टरनेट के नं से फोन कर मरीज के परिजनों को धमकी दे रहा है कि अपना मुंह अगर किसी के सामने खोले तो जान से मरवा देगे तुम्हारे जैसे न जाने कितने लोग आये और गये।फोन पर अपने आपको क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर बात करता है।और कहा कि ऐसा अक्सर हो जाया करता है।इसमें कोई घबराने की बात नहीं है।ऐसे ही आश्वासन यह जल्लाद डाक्टर सभी पीड़ित व्यक्तियों से देता है लेकिन जब पैसे की बात आती है तो उल्टे उन्हीं के ऊपर पुलिस एफ आई आर दर्ज करवा कर पीड़ितों को ही फंसा देता है।इसी प्रकार अनगिनत पीडित इसके काले कारनामों से परेशान होकर अपनी शिकायत मुख्य चिकित्साधिकरी गाजीपुर,पुलिस अधिक्षक गाजीपुर,उपभोक्ता संरक्षण जिला फोरम,तहसील मे एसडीएम के समक्ष सम्पूर्ण समाधान दिवस पर,पुलिस महानिदेशक लखनऊ,स्वास्थ्य राज्य मंत्री उ.प्र. तथा मुख्यमंत्री तक अपनी शिकायत एफिडेविट शपथ पत्र के माध्यम से कर चुके है।लेकिन हर स्तर पर मामले को दबा दिया जाता है।
केस-1 हंसा देवी उम्र 38 साल पत्नी बालकिसुन राम ग्राम चकररस्तही बघाव पोस्ट सलेमपुर बहरियाबाद दिनांक30-4-2019 को इनका बच्चेदानी का गलत आपरेशन करने की वजह से पीडिता की तबीयत ज्यादा खराब हो जाने पर भी महीनो तक गलत दवा देकर अपने जाल में फंसाये रखा।और पैसा एंठता रहा।स्थिति में सुधार न होने पर परिवार वालो ने सर सुन्दर लाल चिकित्सालय वाराणसी में लाखो का इलाज खेत गिरवी रख कर इलाज करवाया।
केस-2 सुमित्रा देवी पत्नी स्व भिरगू राम ग्राम कनुवान पोस्ट जखनियां की पुत्री का आपरेशन के दौरान मृत्यु 04-04-2015 को हो गयी।
केस-3 जखनियां गोविन्द निवासी मुन्ना के माता रीता देवी का 03-05-2016 को बच्चेदानी के आपरेशन गलत करने की वजह से तबियत खराब होने पर परिवार वालो ने मेरिडियन हास्पिटल वाराणसी एडमिट कराया लेकिन 11-05-2016 को उनकी मृत्यु हो गयी।
केस-4 रघुनाम राम पुत्र सुखन्ति राम ग्राम भुड़कुडा़ ने 18-06-2016 को पेशाब रुक जाने और पेट में सुजन हो जाने की वजह से इलाज के लिये गये इनका भी गलत आपरेशन की वजह से स्थिति बिगड़ गयी तब परिवार वालो नें सारनाथ हास्पिटल में इलाज करा कर किसी तरह जान बचाया।
केस-5 चन्दा देवी पत्नी अमरनाथ राम ग्राम हुसनपुर के साथ भी ऐसा ही हुआ।
केस-6 बन्दना देवी पत्नी यशवन्त राम ग्राम कछुआ रायपुर का 01-07-2019 को बच्चेदानी का गलत आपरेशन किया।अन्यत्र कही दिखाकर परिवार वालो ने बन्दना की जान बचाई।
केस-7 लालशिला देवी पत्नी मुन्नीराम भुड़कुडा़ का 05-07-2019 को बच्चेदानी का आपरेशन किया लेकिन डिस्चार्च लेटर अभी तक नही दिया।
केस-8 सुषमा देवी पत्नी मनोज राम ग्राम हुसनपुर का 10-07-2018 को आपरेशन द्वारा बच्चा पैदा हुआ लेकिन अभी तक डिस्चार्ज लेटर नही दिया। इन सभी का आपरेशन राजेश यादव, डा. आर के गुप्ता एवं अन्य सहयोगियों के माध्यम से अपने निजी अस्पताल चन्द्रावती हास्पिटल हेल्थ केयर सेन्टर जिसका रजि. नं 960 है, में हुआ है।इस हास्पिटल के ऐसे अनेक पीडित है।यह अपने हास्पिटल से किसी को डिस्चार्ज लेटर नही देता है।और उल्टे सभी पर केस भी ठोक देता है। कि कोई पीडित पैसों की मांग न कर सके।एक मामले में तो डिप्टी सीएमओ भी पीडिता के घर इसके साथ गये थे पीडिता से बोले की तुमलोग आपसी सहमति से मामला खत्म कर लो। 1.50 लाख में आपसी सहमति भी बनी थी। लेकिन जब पैसे देने की बात आयी तब राजेश यादव ने उल्टे पीडिता पर ही केस कर दिया की यह मुझे बेवजह परेशान कर रही है।पीडित पक्ष का कहना है कि हास्पिटल संचालक राजेश यादव सहित अन्य अधिकारियों की बातचीत की आडियो रिकार्डिंग की सीडी तैयार रखे हैं जरुरत पड़ने पर इसे प्रस्तुत करेंगे।- – -पीडिता हंसा देबी पत्नी बालकिशुन राम ग्राम-चकररतही (बघांव)पोस्ट-सलेमपुर थाना बहरियाबाद जनपद गाजीपुर से हुई वार्ता के आधार पर