गाजीपुर-कुंभकर्णी नींद में सो रहा है जनपद का बाट-मांप बिभाग

वायरस के संक्रमण से देश को बचाने के लिए पुरे देश में लाँकडाउन लगा हुआ है। लाँकडाउन के दौरान देश मे रहने वाले गरीबों, आर्थिक रूप से कमजोर लोगों, दिहाड़ी मजदूरों को राहत देने के लिए सरकार कोटेदारों के माध्यम से प्रति यूनिट 5 किलोग्राम चावल मुफ्त दे रही है लेकिन कोटेदारों की घटतौली से उपभोक्ताओं का शोषण हो रहा है लेकिन जनपद का बाट एवं मांप बिभाग काँन मे सूच्चा कडूआ तेल डालकर सो रहा है।
जनपद का बाट और मांप विभाग कई दशकों से सो रहा है। कभी आपने किसी अखबार,न्यूज पोर्टल या टीवी चैनल पर यह खबर देखा या सुना है कि गाजीपुर जनपद का बट मांप विभाग किसी कोटेदार के बट और मांप की जांच किया है। यदि उसने किसी कोटेदार के बाट और माप की जांच किया होता तो किसी कोटेदार की हिम्मत उपभोक्ताओं के शोषण की नहीं होती। ऐसे में यह आशंका काफी बलवती होती कहीं न कहीं गाजीपुर जनपद का बट और माप विभाग या तो कोटेदारों से मिला हुआ है या अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाह है।सरकार बट और माँप बिभाग को मोटा वेतन तो जरूर देता है लेकिन कार्य के नाम पर यहां के कर्मचारी कुर्सी तोडने के अलावा और कुछ नहीं करते है।