गाजीपुर-सुहवल थाना क्षेत्र के ताड़ीघाट निवासी विनय कुमार सिंह उर्फ़ सिंटू को जब से लखनऊ एसटीएफ ने मुम्बई लूट कांड मे गिरफ्तार किया है तभी से गाजीपुर पुलिस भी उसके इतिहास-भूगोल को खंगाल रही है।अबतक हुई जाँच पड़ताल मे पता चला है कि उस पर पहले से ही तीन हत्या सहित 10 अन्य मुकदमे दर्ज हैं।कुख्यात सिंटू अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए वह वर्ष 1991 में उदई राम पर गोली चलाई थी लेकिन उस समय उदई राम इस गोलीकांड में बच गया लेकिन कुख्यात विनय कुमार सिंह उर्फ सिंटू ने वर्ष 1994 में भरी कचहरी में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी।वर्ष 1993 मे सिंटू ने अपने ही गांव ताड़ीघाट निवासी प्रेम प्रजापति की गोली मार कर हत्या कर दिया था। सैदपुर कस्बे में सहकारी बैंक कर्मी से लूट कांड में भी सिंटू का नाम प्रकाश में आया था। 7 जनवरी को मुंबई पुलिस ने मीरा रोड स्थित एस कुमार गोल्ड एंड डायमंड शॉप में करीब डेढ़ करोड़ के सनसनीखेज जेवर लूट कांड में सिंटू का नाम प्रकाश मे आने पर ताड़ीघाट के लोग सकते मे आ गये।27 जनवरी बुधवार की रात लखनऊ एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर पूरे क्षेत्र में एक बार फिर चिंटू की चर्चा जोर शोर से हो रही है। विनय कुमार सिंह उर्फ सिंटू का वकायदा एक गैंग है इस गैंग मे इसमें जो नाम प्रकाश मे आये है उसमें दिनेश निषाद निवासी बदेवर थाना केराकत जनपद जौनपुर, शैलेन्द्र कुमार मिश्र निवासी कटारी थाना चोलपुर वाराणसी है।
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