गाजीपुर के किसी नगर पालिका और जिला पंचायत को नही पता बैध व अबैध बुचड़ खानो की संख्या ?
गाजीपुर- जहाँ पुरे उत्तर प्रदेश मे बैध और अबैध बुचड खानो को लेकर हाय! तौबा मची है , वही गाजीपुर के किसी भी नगर पालिका को नही पता की उस के क्षेत्र मे कितने बैध और कितने अबैध बुचड खाने है। गाजीपुर नगर पालिका कार्यालय से जब इस संदर्भ मे पता करने की कोसिस किया गया तो सभी कर्मचारी एक दुशरे पर टालते नजर आये। इस संदर्भ मे जब बुचड खानो के मालिकों से संम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो लगभग सभी ने मुँह खोलने से इन्कार कर दिया। सब से रोचक पहलू है कि न लाईसेंन्स न रिनूवल फिर कीस की शह पर ये बुचड खाने चल रहे थे ?
आल इंडिया जामियातुल कुरैसी एसोशिएशन के यूसूफ कुरैसी ने उत्तर प्रदेश के स्वास्थय मंत्री सिध्दार्थ नाथ सिह से मिल कर बताया कि बैध /अबैध बुचड खानो के विबाद के चलते प्रतिदिन 1400 करोण का कारोबार प्रभावित हो रहा है। इस व्यवसाय से 3 करोण 56 लाख लोग प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जूडे है। 17500 करोण का लेदर व्यवसाय है। उत्तर प्रदेश मे 750 करोण रूपये का हड्डी का कारोबार होता है। बुचड खानो के रेस्ट मेटिरीयल का कारोबार 350 करोण का है। पुरे उत्तर प्रदेश मे 2500 बैध बुचड खाने है । इस के साथ यह भी जानना काफी रोचक है कि 3 साल से कोई भी नया लाईसेंस किसी भी नगर निगम ने जारी नही किया है।