गाजीपुर- पूर्व ब्लाक प्रमुख मुहम्मदाबाद चंदा यादव ने गुरुवार की सुबह क्षेत्र पंचायत की बैठक की सूचना नियमानुसार नहीं देने पर बैठक स्थगित करने की मांग करते हुए आत्मदाह की धमकी देते हुए बीडीओ कक्ष के दरवाजा पर धरना पर बैठ गई। इससे पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
बैठक शुरू हुई तो पूर्व प्रमुख एवं बीडीसी सदस्य चंदा यादव आत्मदाह की धमकी देते हुए बीडीओ कक्ष के दरवाजे पर धरने पर बैठ गई। उनका कहना था कि क्षेत्र पंचायत की बैठक गुरुवार को 11 बजे दिन से बुलाई गई थी। हमें बैठक की जानकारी 21 अक्टूबर को एक समाचार पत्र के माध्यम से हुई। जब मैंने बीडीओ से बात की तो उन्होंने बैठक की पुष्टी किया और उसके बाद बुधवार की शाम 2.40 बजे हमे सूचना भेजी गई। इसी प्रकार बहुत से सदस्यों को सूचना समय से नहीं दी गई है, इसलिए बैठक स्थगित कर नियमानुसार पिछली बैठक की कार्यवाही की कापी संलग्न कर 15 दिन पूर्व सूचना देकर बैठक बुलाई जाए नहीं तो वह आत्मदाह कर लेंगी। इस घोषणा के बाद क्षेत्र पंचायत कार्यालय परिसर में सुबह से ही एसडीएम राजेश कुमार गुप्ता, तहसीलदार शिवधर चौरसिया, जिला विकास अधिकारी भूषण कुमार, क्षेत्राधिकारी विनय गौतम, बीडीओ सुशील कुमार सिंह और कोतवाल अशेषनाथ सिंह भारी पुलिस फोर्स और अग्निशमन की गड़ी के साथ पहुंच गए। प्रमुख रामकृत सिंह यादव और पूर्व प्रमुख चंदा यादव से वार्ता कर समाधान का प्रयास किया, लेकिन वार्ता विफल रही। प्रमुख और उनके समर्थक बैठक करने पर अड़े रहे, जब कि पूर्व प्रमुख बैठक स्थगित करने की अपनी मांग पर समझौता करने को तैयार नहीं थी। बैठक के बाद अधिकारियों के समझाने पर पूर्व प्रमुख चंदा यादव ने जिला विकास अधिकारी भूषण कुमार और उपजिलाधिकारी राजेश कुमार गुप्ता को एक पांच सूत्रीय मांग पत्र सौंपकर धरना समाप्त किया। पत्रक में क्षेत्र पंचायत की 22 अक्टूबर की बैठक को निरस्त कर पंचायत नियमावली के अनुसार 15 दिन पूर्व सूचना देकर बैठक बुलाने, सलेमपुर में विक्रम के घर से मैनू के घर तक नाली निर्माण में अनियमितता की जांच कराने, मनरेगा के तहत फर्जी तालाब खुदवाने की जांच कराने, चार वर्ष तक जिन सदस्यों के प्रस्ताव पर कार्य नहीं हुआ है, उस पर धन स्वीकृत कर कार्य कराने आदि की मांग की। उपजिलाधिकारी राजेश कुमार गुप्ता द्वारा सभी बिंदुओं पर जांच कराकर कार्यवाही का आश्वासन देने के बाद चंदा यादव ने धरना समाप्त किया।
