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गाजीपुर-डीएम के आदेश पर हाईकोर्ट कोर्ट का स्टे आर्डर

गाजीपुर-विकासखंड बाराचवर की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत करीमुद्दीनपुर में ग्राम प्रधान द्वारा बरती गयी वित्तीय अनियमितता को लेकर स्थानीय निवासी कृष्णानंद वर्मा ने हाई कोर्ट इलाहाबाद में एक याचिका दाखिल किया था। कृष्णानंद वर्मा द्वारा दाखिल याचिका पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी गाजीपुर को ग्राम सभा में बरती गयी वित्तीय अनियमितता की जांच कराने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान द्वारा ग्राम सभा मे कराए गए कार्यों की जांच के लिए जिलाधिकारी ने जिला दिव्यांग कल्याण अधिकारी नरेंद्र विश्वकर्मा को जाँच अधिकारी नियुक्त किया। दिव्यांग कल्याण अधिकारी नरेंद्र विश्वकर्मा ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया कि ग्रामसभा के विकास कार्य मे ग्राम प्रधान द्वारा व्यापक अनियमितता बरती गयी है। जांच अधिकारी की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद जिलाधिकारी गाजीपुर ने करीमुद्दीनपुर ग्राम प्रधान ममता राय के हस्ताक्षर से संचालित ग्राम सभा का खाता सीज कर दिया।जिलाधिकारी द्वारा ग्राम सभा के खाता को सीज करने के फैसले को ग्राम प्रधान ने माननीय उच्च न्यायालय इलहाबाद में चुनौती दिया था। माननीय उच्च न्यायालय ने ग्राम प्रधान ममता राय की अर्जी को स्वीकार करते हुए जिलाधिकारी द्वारा ग्राम सभा का खाता सीज करने के आदेश पर स्टे आर्डर/ स्थगन आदेश निर्गत/पारित कर दिया। उच्च न्यायालय द्वारा ग्राम प्रधान के वित्तीय अधिकार को सीज़ करने पर हाईकोर्ट की स्टे आर्डर मिल जाने के बाद ग्राम प्रधान के समर्थक काफी खुश है।

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