गाजीपुर-नामांकन से पुर्व ही करोड़ों खर्च चुनाव प्रचार में

गाजीपुर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है लेकिन जिले में सदस्य जिला पंचायत का चुनाव लड़ रहे अनेक ऐसे प्रत्याशी हैं जिनके लिए आदर्श आचार संहिता का कोई मतलब नहीं है। सैदपुर प्रथम के सदस्य जिला पंचायत का चुनाव काफी प्रतिष्ठापरक है। यहां से सैदपुर के राजनीति की एक धुरी पूर्व सांसद, पूर्व चेयरमैन जिला पंचायत राधे मोहन सिंह की पत्नी श्रीमती अंजना सिंह चुनाव लड़ रही है। दुशरी तरफ इसी इसी क्षेत्र/सीट से धनकुबेर शंकर सिंह के पुत्र पंकज सिंह चंचल की पत्नी सपना सिंह भी चुनाव लड़ रही है। दोनो प्रतिद्वंद्वी किसी से कम नहीं है।दोनों परिवार एक दुशरे से आपस मे जूडे हुए भी है।बाबू शंकर सिह सदैव अपने तथा अपने परिवार को फ्रंट की राजनीति से दुर ही रखते रहे है।सम्भवतःसैदपुर प्रथम सीट पर पंकज सिंह चंचल एक बार रिकॉर्ड मतों से जीत भी चूके।अबतक बीते तीन दशकों की बात करू तो बाबू शंकर सिंह के दरबार मे चुनावी चन्दे के लिए जो भी गया चहे वह किसी भी जाति, क्षेत्र या मजहब का रहा हो वह निराश नहीं हुआ है। इधर कुछ वर्षों से शंकर सिंह के सुपुत्र डा०मुकेश सिंह राजनीति मे अपने को काफी सक्रिय किया है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव मे भाजपा से विधानसभा के टिकट के दावेदार थे लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया।स्थानीय सुत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस को लेकर दोनों परिवारों मे पंचायत का दौर जारी है। भविष्य मे दोनो परिवार के बडे बुजुर्ग बैठ कर क्या निर्णय लेगें यह अभी भविष्य के गर्भ मे है।लेकिन दोनों उम्मीदवारों की जंग सैदपुर प्रथम के मतदाताओं की चांदी है। अपुष्ट खबरों के अनुसार नामांकन से पुर्व ही करोड़ों रूपये खर्च हो चूका है।

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