गाजीपुर-नेहरु, गांधी के बाद चरित्र हनन की राजनीति का अगला शिकार कौन ?

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गाजीपुर- राजनैतिक प्रतिद्वंदीता में सोनिया गांधी व मनमोहन सिंह की आलोचना के बाद प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी ने देश में विद्यमान सभी समस्याओं के लिए भारत के प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू को भला भला बुरा कहना शुरू किया। नेहरू के बाद इंदिरा गांधी को भला बुरा कहना शुरू किया। नेहरू के बाद अब महात्मा गांधी को भी भारत विभाजन का खलनायक और अय्याश के साथ-साथ मुस्लिम परस्त साबित करने के प्रयास मे न जाने कैसे-कैसे अपशब्दों से आरएसएस व सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों के साथ साथ केंद्र तथा राज्य के मंत्री भी अपशब्द बोलने लगे हैं। जिस महात्मा गांधी को सुभाष चंद्र बोस जैसे महान स्वतंत्रता सेनानानी ने 4 जून 1944 को अपने संबोधन में राष्ट्रपिता कहकर संवोधित किया, जिसे भारत के प्रथम नोबेल पुरस्कार बिजेता रविंद्र नाथ टैगोर जैसे नोबेल पुरस्कार विजेता ने महात्मा शब्द से 1919 में संबोधित किया।तमाम अन्य महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने सम्मानजनक उपाधियों से विभूषित किया आज उसी महात्मा गांधी को, नेहरू को ,इंदिरा गांधी को और मनमोहन सिंह को ,सोनिया गांधी को अपशब्द कह कर जनमानस में अपना राजनैतिक प्रभाव बढ़ाने का प्रयास गंदी हरकत और सडी-गली सोचा के अलावा और कुछ भी नहीं है। जिस महात्मा गांधी की दुनिया के 84 देशों में प्रतिमाएं लगी हुई हो ,सैकड़ों देशों में महात्मा गांधी की स्मृति में डाक टिकट जारी किया हो, जिस महात्मा गांधी के नाम पर बिभिन्न देशों में हजारों संपर्क मार्गों का नामकरण किया गया हो उस गांधी को गाली उसी के देश मे देने वाले मांसिक रूप से विछिप्त के अलावा और कुछ नहीं हो सकते। जिस गांधी दर्शन की दुनिया के बिभिन्न विश्वविद्यालयों में लाखों किताबें हो,जिस गांधी के बिचार और दर्शन पर शोध कर हजारों ने डाक्टरेट की उपाधि पाई हो उसकी आलोचना और चरित्र हनन करना और करवाना किसी भारतीय ब्यक्ति ,संगठन और राजनैतिक दल को शोभा नहीं देता।इसके बाद भी गांधी संकल्प यात्रा निकालकर भारतीय जनता पार्टी के नेता देश और दुनिया को क्या संदेश देना चाहते हैं यह तो वही जाने, लेकिन राजनैतिक लाभ के भारत के किसी भी महान सपुत को अपशब्द और चरित्रहीनता का आरोप लगाना कहीं से भी उचित नहीं है। बर्तमान राजनैतिक हालात को देखते हुए मन मे एक सवाल जरूर उठता है कि इन्द्रा,मनमोहन, सोनिया, राहुल और महात्मा गांधी के बाद बर्तमान भारतीय घृणित राजनिति का अगला निशाना कौन ? (मेरे बिचार से किसी को ठेस पहुचा हो तो क्षमाप्रार्थी हुँ-फूलचन्द सिंह)

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