गाजीपुर-पीलिया रोग का कारण दूषित भोजन-डा.बी.के.यादव

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गाजीपुर-जखनियां बाजार में प्रैक्टिस करने वाले डा बी.के.यादव ने पीलिया रोग के लक्षण,खान पान में परहेज एवं उपचार सम्बन्धी डाक्टरी सलाह साझा करते हुए बताया कि पीलिया एक संक्रामक बीमारी है जो शरीर के लिवर को प्रभावित करता है।इस बीमारी में व्यक्ति के खून में बिलिरुबीन की मात्रा बढ़ जाती है बिलिरुबीन की मात्रा सामान्य से ज्यादा हो जाने पर त्वचा,नाखून एवं आंखों का भाग पीला हो जाता है,इसमें रोगी को बहुत ही कमजोरी महसूस होने लगती है।अगर पीलिया से ग्रसित व्यक्ति का समय रहते इलाज न कराया जाय तो जानलेवा हो जाती है। डा यादव ने कहा कि संरचनात्मक दृष्टि से देखा जाय तो पीलिया दो प्रकार की होती है।एक सामान्य पीलिया तथा दुसरा आब्स्ट्रक्टिव पीलिया। आब्स्ट्रक्टिव पीलिया में पित्तरंजक मिश्रण की रुकावट के कारण रक्त में शोषित होकर पीलिया की उत्पत्ति करता है यह सामान्यतः अधिक खतरनाक होती है।यह अक्सर पित्त प्रणाली के कैन्सर,पित्त की थैली में पथरी,पित्त मार्ग के विकृत संकोच के कारण उत्पन्न होता है।इसे शल्य क्रिया द्वारा ठीक किया जा सकता है।और सामान्य प्रकार की पीलिया जो नान आब्सट्रक्टीव होती है इसमें पित्तरंजक की विभिन्न उपापचयिक प्रक्रियाओं में किसी में दोष उत्पन्न हो जाता है तो ब्लड में पित्तरंजक की अधिकता हो जाती है जिसके कारण पीलिया उत्पन्न हो जाती है।इस प्रकार की पीलिया का समय से ठीक ढंग से इलाज करवाने पर ठीक हो जाता है। उन्होने बताया कि पीलिया के सामान्य लक्षण जैसे बुखार आना,भूख न लगना,जी मिचलाना,सिर में दर्द,आंख,त्वचा,नाखून व पेशाब का रंग पीला होना,अत्यधिक कमजोरी महसूस होना तथा लैट्रिन का रंग पीला व मिट्टी के रंग जैसा होना।पीलिया रोग की चिकित्सकीय सलाह देते हुए बताया कि,बिस्तर पर आराम,ग्लूकोज,गुड़,चीनी,पपीता इत्यादि कार्बोहाइड्रेट युक्त भोजन का प्रयोग करना चाहिये।अगर रोगी को बार-बार उल्टी हो रही है तो तुरंत हास्पिटल में भर्ती कराना चाहिये।तथा अत्यधिक जानकारी के लिये अपने नजदीकी डाक्टर से सलाह लेनी चाहिये।

डॉ बी के यादव (जखनिया)
जनरल फिजीशियन
बी.ए.एम.एस.- एमडी (एन एम)
बी.एच.यू.

रिपोर्ट: संवाददाता (अरविन्द यादव)

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