गाजीपुर- बन्द दुकानों व गोदामों से बिक गयी करोड़ों की शराब

गाजीपुर-कोरोना वायरस के संक्रमण से पूरे देश को बचाने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने देश में लाँकडाउन डाउन की घोषणा कर रखी है।लाँकडाउन की घोषणा के चलते देश प्रदेश का शासन प्रशासन ने प्रत्येक दुकानों,मालों व म ऐसे सार्वजनिक स्थानों को बंद करा रखा है जहां अधिक से अधिक लोगों की भीड़ होने की संभावना है। इसी लाँकडाउन के चलते प्रशासन ने दारू की दुकानों को भी बंद करा रखा है, लेकिन दारू के दीवानों की प्यास प्रतिदिन दुगना दामों पर बुझाने वाले तमाम विक्रेता गलीयों दारू में बेच रहे हैं, और मय के प्यासे दीवाने उनको दुगना दाम पर खरीदने के लिए मजबूर है। जब गाज़ीपुर टुडे ने इस रहस्यमय खेल का पता लगाने की कोशिश किया तो एक अंग्रेजी दुकान के सेल्स मैन ने नाम न छापने की सर्त पर बताया कि 24 मार्च की रात्रि में लाँकडाउन की घोषणा के बाद जिन दारू की दुकानों में कई लाख की दारू भरी हुई थी वह लाँकडाउन के दौरान प्रशासन की नजरों से छुपा कर दुकानों से निकालकर चोरी-छिपे ब्लैक में बेचने के लिए ब्लैकमेलर को उपलब्ध कराया जा रहा है, यदि जिला प्रशासन इमानदारी से 24 मार्च या उससे पहले के दुकानों और गोदामों के उस समय उपलब्ध स्टाक और वर्तमान समय में दुकान व गोदामों में उपलब्ध स्टॉक से मिलान करें तो गाजीपुर जनपद की 70% दारू की दुकानों पर व एक ,दो गोदामों पर एफ आई आर दर्ज कराना जिला प्रशासन की मजबूरी हो जाएगी। आश्चर्य की बात तो यह है लाँकडाउन के दौरान बंद दारू की दुकानों व गोदामों से करोड़ों की दारू बिक गई और शासन प्रशासन को कुछ पता नहीं। यदि आज जिला प्रशासन इन दुकानों को सील करके 24 मार्च की तारीख तक के स्टाक को सील ओपन करने की डेट में दुकानों में उपलब्ध स्टाक का मिलान कराया जाए तो 70% दारू के दुकानदार घर के बजाय जेल में आराम फरमा रहे होंगे।