गाजीपुर-मजदूर दिवस पर राज्य कर्मचारियों नें क्यों जलाया कैंडल ?खुशी या बिरोध में


गाजीपुर-महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी रोके जाने व छह प्रकार के भत्तों को समाप्त किए जाने के सरकार के निर्णय के विरोध में इन्डियन पब्लिक सर्विस इम्प्लाईज फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा के आह्वान पर शुक्रवार को मजदूर दिवस के अवसर पर कर्मचारियों ने दोपहर 12 बजे कार्यालय व अपने घरों पर मोमबत्ती जलाकर विरोध जताया। साथ ही कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि वह अपनी जायज मांगों को लेकर आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर जनसेवा में लगे हैं। कर्मचारी कोरोना से उत्पन्न संकट के कारण स्वयं अपने वेतन से कटौती करते हुए सरकार का सहयोग कर रहे हैं। संकट की इस घड़ी में कर्मचारी सरकार से कंधा से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने पुरस्कृत करने की जगह छह प्रकार के भत्तों को समाप्त कर कर्मचारियों को आक्रोशित कर दिया है। सरकार को अपने अन्य खर्चों पर रोक लगाकर कर्मचारियों के डीए एवं पुरानी पेंशन स्कीम को तत्काल लागू करना चाहिए। चेतावनी दी कि डीए सहित अन्य भत्ते बहाल नहीं होते हैं तो कर्मचारी लाक डाउन के बाद आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। इस मौके पर अरविंद कुमार सिंह, ओंकार नाथ पांडेय, एसपी गिरी, श्रीकान्त राय, राकेश कुमार पांडेय, श्रीशिव प्रकाश त्रिपाठी, ओम प्रकाश यादव, राम नगीना यादव, अभय सिंह, अनिल गोस्वामी, योगेश जायसवाल, जय प्रकाश, दिग्विजय सिंह, उमेश दुबे, विनोद चौधरी, देंवेन्द्र मौर्या आदि लोग उपस्थित रहे।

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