गाजीपुर-यहां सब सेटिंग्स व गेटिंग से काम होता है

गाजीपुर-जिला पंचायत विभाग में सात करोड़ के सभी 115 टेंडरों को कमीशनबाजी के चलते दो माह बाद भी नहीं खोला गया। जिसे लेकर ऑनलाइन टेंडर डालने वाले पंजीकृत ठेकेदारों में आक्रोश बना हुआ है। वहीं विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते जिलें में विकास कार्य की गति धीमी हो गई है। जबकि शासन ने लॉकडाउन-2 में सभी कार्याे को शुरू करने का आदेश जारी कर दिया था। लेकिन विभाग के इस मनमानी से उनके कार्य प्रणाली पर सवालियां निशान लग रहा है।
जिला पंचायत विभाग से करीब सात करोड़ धनराशि से 115 परियोजनाओं की निविदा निकाली गई थी। जिसको पंजीकृत ठेकेदारों से विगत 16 से 21 मार्च तक आवेदन मांगा गया था। वहीं निविदा खोलने की तिथि 23 मार्च तय थी। जबकि जिम्मेदार अधिकारियों के अनुसार लॉकडाउन के चलते कुछ दिनों तक टेंडर नहीं खोला गया। हालांकि सरकार ने लॉकडाउन-2 के बाद सभी कार्य शुरू करने के आदेश जारी कर दिए। लेकिन विभागीय अधिकारी इन टेंडरों को नहीं खोले। विभागीय पंजीकृत ठेकेदार ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि विभाग में कमीशन की सेंटिग को लेकर टेंडर खोलने में लापरवाही हो रही है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक कुछ ऐसे ठेकेदारों ने भी इस कार्य में आवेदन किया है जिसके दो से अधिक कार्य अपूर्ण है। जबकि शासनादेश में साफ है कि ऐसे ठेकेदार आवेदन से वंचित होंगे। 
दरअसल, जिला पंचायत विभाग सरकार के आदेशों को दरकिनार कर टेंडर में सेटिंग के जरिए मनमाफिक ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने में लगा हुआ है। जिसके लिए विभागीय अधिकारी प्रतिस्पर्धा को ताक पर रख विभागीय ठेकेदारों से कमीशन की रेट फिक्स करने के लिए मनमानी रवैया अपनाते है। पंजीकृत ठेकेदारों में अधिकारियों की इस रवैया से आक्रोश बना हुआ है।
इस संबंध में अपर मुख्य अधिकारी सुरेश कुमार ने सतोषजनक जवाब नहीं दिए। उनका कहना था कि आपेरटर अवकाश पर चला गया है उसके आने पर टेंडर खोला जायेगा।

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