गाजीपुर-लाँकडाउन के कारण मार्केट में कंडोम की भारी कमी

गाजीपुर-कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भारत सरकार ने पूरे देश में लाँकडाउन की घोषणा कर रखा है। इस घोषणा के चलते और कुछ हो या ना हो, लेकिन पत्नियों की एक शिकायत पतियों ने अवश्य दूर कर दी। वह शिकायत यह है कि प्रत्येक पत्नी को अपने कमासुत पति से यह शिकायत रहती थी कि वह कभी भी अपने बच्चों और परिवार को समय नहीं देते। पतिदेव विचारे करते क्या ? सुबह 6:00 बजे सोकर उठते 30 मिनट बैठकर चाय मिलने का इन्तजार करते इसके बाद चाय पीते-पीते 7:00 बज जात। इसके बाद सौचालय मे 30 मिनट फ्रेश होने मे लग जाता। मैडम चाय बना कर देती और साहब चाय पीते-पीते पेपर पढते। इसके बाद स्नान ध्यान करते-करते सुबह के 9 बज जाते।तब तक मैडम बच्चों का नाश्ता बनाते ,स्कूल के लिए तैयार करती व बच्चों का लंच बाक्स तैयार करके स्कूल के वाहन में बैठा कर बिदा कर देती हैं । बच्चों से फुर्सत पाते ही पतिदेव के लिए नास्ता व लंचबॉक्स की तैयारियों में लग जाती।अभी कपडा पहनने को पतिदेव सोच ही रहे होते है कि किचेन से मैडम की शेरनी जैसी दहाड़ सुनाई देती है, अजी सुनते हो नाश्ता तैयार है , नाश्ता कर लो , आज ड्यूटी नहीं जाना है क्या ? पतिदेव महोदय हडबड-हडबड नाश्ता करते और मैडम का जल्दी से लंच का टिफिन पकड़ा देती और साहब 9:15-9:30 बजे तक आफिस के लिए घर से निकल जाते। 10 बजते-बजते आफिस में और दिन भर आफिस में मगजमारी के बाद 5:00 बजे आफिस से निकल कर 6 बजे तक घर पंहुचते।घर पंहुचने पर अभी ठीक से कपडा भी चेंज नहीं किया कि मैडम ने चाय की प्याली के साथ सामान की लिस्ट,झोला व पैसा टेबल पर रख कर रफूचक्कर हो गयी। बाजार से आते-आते 7:30 बज गया।इसके बाद मैडम किचेन मे पतिदेव टीवी के सामने। खाना बनाते-खाते 10:30 बज गया और पतिदेव बिस्तर पर लंबलेट हो गये। मैडम के रात के सारे अरमान चकनाचूर हो गये। सुबह फिर यही दिनचर्या। लेकिन भला हो कोरोना का कि इसके कारड मोदी जी ने लाँकडाउन की घोषणा कर दिया और अब रातदिन मैडम के साथ इलू-इलू करने का मौका मिल गया लेकिन कंडोम का बेतहाशा खर्च बढ गया। कई मेडिकल स्टोरों व जनरल स्टोरों पर भटकने के बाद तो कंडोम मिल पा रहा है।

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