गाजीपुर-समाज सेवीयों नें किया पुलिसकर्मियों के रक्त की जांच

गाजीपुर-आज हमारे देश में करोना जैसी घातक बीमारी से निजात दिलाने के लिए हमारे पुलिसकर्मी और स्वास्थ्य कर्मी भाइयों का अतुलनीय योगदान हो रहा है आज मटेहूं चौकी पर रक्त जांच करवाते हुए पुलिसकर्मी भाइयों का और आभार व्यक्त करते हैं हमारे परम सहयोगी मित्र संतोष चौहान जी का शांति पैथ लैब कोरोना वायरस का खतरा वर्तमान में प्रदेश में फैल चुका है। इस युद्ध में सर्वाधिक अग्रणी मोर्चे पर पुलिस तथा डॉक्टर हैं। पुलिसकर्मी उन लोगों में से हैं, जिनके संक्रमित होने का खतरा सर्वाधिक है।

अस्पतालों, क्वारेंटाइन सेंटर, कंटेनमेंट क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों में यह डर कहीं ज्यादा है। यह वास्तव में अत्यधिक बहादुरी की बात है कि एक सामान्य रूप से शिक्षित व्यक्ति, जो कोरोना के वैज्ञानिक तथ्यों से अनभिज्ञ है, एक खाली सड़क पर कड़ी धूप में घंटों खड़ा रहता है और लोगों को रोकता है। यह जानते हुए भी कि उन व्यक्तियों से उसे गुस्साईं निगाहें, गालियों के अलावा बहुत बुरी बीमारी भी प्राप्त हो सकती है। दूसरा विचारणीय प्रमुख मुद्दा उस पुलिसकर्मी की मानसिक स्थिति है, जो लॉकडॉउन में लगातार अपने कर्तव्य का निर्वाह कर रहा है, परन्तु साथ ही अपने परिवार की स्थिति के बारे में चिंतित तथा असहाय महसूस करता है, क्योंकि वे उसके कर्तव्य की जगह से बहुत दूर हैं। बड़ी चुनौती बल के लिए सुरक्षा संसाधन, बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता तथा क्वॉरेंटाइन केंद्र की स्थापना भी है।

इसके लिए पुलिस मुख्यालय एवं फील्ड इकाइयां लागातार काम कर रहे हैं। इसके बाद भी कुछ पुलिसकर्मी वायरस के संक्रमण से बच नहीं पाए। पुलिस और स्वास्थ्य सेवाओं की टीमों को कई स्थानों पर पथराव, हमले और प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है। ये घटनाएं पुलिस के मनोबल तथा मानसिक स्थिति पर विपरीत प्रभाव डालने वाली है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के लिए भी बल के साथ निरंतर संपर्क, उनकी और उनके परिवारों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति तथा लगातार काम करने के लिए प्रेरित करना, उनकी नेतृत्व क्षमता का अब तक का सबसे कड़ा परीक्षण है।

इस समय सबसे जरूरी है कि मानवता के समक्ष प्रस्तुत इस अभूतपूर्व संकट में हम सभी को एकजुट होना होगा। कुछ लोगों की लापरवाही, गैरजिम्मेदाराना कृत्य, मौकापरस्त लाेगों के साथ अपनी जिम्मेदारी से भागने वाले या वर्दी में होकर आवश्यकता से अधिक बल प्रयोग करने वाले राह में बाधा भी बनेंगे, लेकिन हमें इन सब से पार पाकर विजय प्राप्त करनी है। इस युद्ध में अधिकांश लोगों को अपना योगदान कुछ दिनों तक केवल घरों में रह कर ही देना पर्याप्त है। आपका भाई युवा समाजसेवक नकुल यादव मटेहूं गाजीपुर

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