गाजीपुर-सवाल आदेश के अनुपालन का

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गाजीपुर-पिछले 3 महीने से जनपद के लोग हमीद सेतु के मरम्मत की प्रतीक्षा कर रहे थे। 3 महीने की प्रतीक्षा के बाद 2 अक्टूबर 2020 से इस पुल पर लोगों का आवागमन शुरू होगा। गंगा नदी पर बने हमीद सेतु की वेयरिंग जर्जर होने के कारण इसकी मरम्मत का कार्य चल रहा था।जब मरम्मत कार्य प्रारंभ हुआ उस समय बाइक, पैदल व साइकिल को छोड़कर सभी प्रकार के वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित कर दिया गया था। तत्कालीन जिलाधिकारी ने यह प्रतिबंध 2 माह के लिए लगाया था लेकिन मरम्मत में समय लगने के कारण इस समय को आगे बढ़ाया दिया गया।इंजीनियरों ने सेतु के 22 जर्जर वेयरिंग को बदल कर अत्याधुनिक प्लेट नुमा वेयरिंग लगाया है।वहीं सेतू के सभी ज्वाइंटरों का भी मरम्मत करने के साथ ही सभी ब्रेकरों को तोड कर समतल कर दिया गया है।काफी दिनों से आवागमन प्रतिबंधित होने के कारण जमानियां, गहमर, रेवतीपुर सहित बिहार से आने-जाने वाले लोग काफी परेशान थे। नए नियम के अनुसार छह छक्का की भारवाहन की क्षमता 12.5 टन ,10 चक्का भारवाहन क्षमता 18 टन ,12 चक्का भारवाहन की क्षमता को 24 टन ,14 चक्का भारवाहन ट्रक की भार क्षमता 30 टन, 18 चक्का ट्रकों की भार क्षमता को 34 टन और 22 चक्का ट्रकों की भार क्षमता को 38 टन प्रतिबंधित किया गया है।

सवाल आदेश के अनुपालना का- सबसे बडा सवाल यह है कि जिलाधिकारी महोदय ने तो भार क्षमता का निर्धारण कर दिया लेकिन आदेश का अनुपालन कराने वाले कर्मचारी जो पहले से ही रिस्वत की चादर में पुरी तरह से लिपटे है,कितना खरा उतरते है।

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