गाजीपुर-पुर्वांचल के लोकप्रिय सांसद तथा केन्द्रीय मंत्री तथा अपने कार्यों के बदौलत पूरे पूर्वांचल के लोगों के दिलों पर विकास पुरुष के रूप में स्थापित मनोज सिन्हा जी को जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनाया गया है। मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का राज्यपाल बनाए जाने की खुशी जनपद के लोग मनायें या पुर्वांचल के लोग शोक मनाए यह सोचने की बात है। राजनैतिक पुरोधाओं के अनुसार यह मनोज सिन्हा जी के राजनैतिक कैरियर के समाप्ति का संकेत है। क्योंकि राजनीति मे महामहिम राष्ट्रपति का पद हो या महामहिम राज्यपाल का पद उन्हीं को दिया जाता है जिन्हें सक्रिय राजनीति से रिटायर किया जाता है। भारतीय राजनीति में महामहिम कल्याण सिंह, महामहिम कलराज मिश्रा जैसै एक दो नहीं हजारों उदाहरण भरे पडे है।जनपद के लोग शोक मनाए या खुशी यह तो अपने-अपने चिंतन का विषय है। राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो राष्ट्रपति का पद और राज्यपाल का पद ऐसे व्यक्तियों को ही सौंपा जाता है जिनका राजनैतिक जीवन लगभग समाप्त हो चुका है क्योंकि चौकी राजनीति में महामहिम बनने के बाद लोग सांसद ,विधायक या राज्यसभा सदस्य का पद उनके कद के आगे बौना साबित होता है और मंत्री पद के सदन की सदस्यता लगभग अनिवार्य होती है। अब मनोज सिन्हा जी के राज्यपाल बनने का जनपद व पूर्वांचल के लोग जश्न मनाए या राजनीतिक कैरियर खत्म होने का शोक ? यह हमारे,आपके और हम सभी लोगों के सोचने का विषय है।
