जब डी०एम० के गोंद लिए गाँव की यह हालत तो , बाकी का क्या …
गाजीपुर- जिले के तत्कालीन डीएम संजय खत्री ने वर्ष 15-16 में देवकली ब्लाक के सिरगिथा मार्ग पर पड़ने वाले मदारपुर गांव को दो वर्ष पहले गोद लिया था, तो ग्रामीणों में विकास को लेकर आस जग गई, लेकिन जल्दी ही उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। आज गांव में जाने के लिए मार्ग को पक्का तो किया गया, लेकिन यह अब क्षतिग्रस्त हो गया है। गांव की साफ-सफाई नियमित रूप से नहीं होती है। पानी बरसने के बाद कई जगहों पर जलजमाव हो जाता है। एक दर्जन सरकारी हैंडपंप है, जिसमें सात खराब हैं। इस गर्मी में ग्रामीण पानी के लिए भी तरस जा रहे हैं। प्राथमिक विद्यालय तो है, लेकिन इसमें गंदगी का अंबार लगा हुआ है। स्कूल का शौचालय चारों ओर से टूटा हुआ है तथा पानी की व्यवस्था नहीं है। बालिकाओँ के लिए अलग से कोई शौचालय नहीं है। पशु चिकित्सालय में लगा हैंडपंप महीनों से खराब है। गांव के पास एक पोखरी है, लेकिन इसमें पानी ही नहीं है। मनुष्य तो दूर, पशु भी इस पोखरी से प्यास मिटाने का लाभ नहीं ले पाए। लोगों के इलाज के लिए आंबेडकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्टाफ की कमी बनी हुई है। चिकित्सक भी देर सबेर आते हैं, जिससे मरीजों को दर्द झेलना पड़ता है। अस्पताल भवन भी जीर्ण- शीर्ण अवस्था में है। खिड़की दरवाजे टूटे हुए हैं। खास बात यह है कि इस गांव में सरकारी योजनाएं भी ठीक से नहीं पहुंच पाती। ग्रामीणों का राशन कार्ड ठीक से नहीं बना है। जिससे अधिकतर पात्र राशन पाने से वंचित हैं। विधवा और वृद्धावस्था पेंशन योजना की हालत और भी दयनीय है। कई वृद्ध आवेदन करने के बाद भी पेंशन नहीं पा रहे हैं।