डी०एम० ने दिया दलित उत्पीड़न पर मुआवजा एवं पुनर्वास की जानकारी

गाजीपुर – अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की आर्थिक सहायता एवं पुनर्वास के सम्बन्ध मे एक आवश्यक बैठक जिलाधिकारी के0 बालाजी की अध्यक्षता मे राइफल क्लब सभागार मे सम्पन्न हुई। बैठक मे निम्न
विन्दुओं पर चर्चा की गयी। जिलाधिकारी ने बताया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों लिए विशेष न्यायालयों का तथा ऐसे अपराधों से पीड़ित व्यक्तियों को राहत देने एवं उनके पुनर्वासन तथा उससे
संबंधित विषयों का उपबन्ध करने के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति
(अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 लागू किया गया है। अत्याचारों से उत्पीड़ित अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों की आर्थिक सहायता निवारण एवं पुनर्वासन हेतु समय-समय पर संशोधित शासनादेश निर्गत होते रहे हैं। उक्त के क्रम में सशोधित शासनादेश सं0 118/2016/1405 दिनांक 14 जून, 2016 द्वारा व्यक्तियों की राहत सहायता के लिए संशोधित मापदण्ड निर्गत किया गया है उन्होने बताया कि अनादर सूचक
कार्य, गम्भीर चोट, अपमानित अभित्रास और अवमानना से पीड़ित व्यक्ति को रू0 100000.00 का 25 प्रतिशत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज होने के उपरान्त, 50 प्रतिशत न्यायालय मे आरोप पत्र भेजे जाने पर तथा शेष 25 प्रतिशत निचले न्यायालय द्वारा अभियुक्त को दोषसिद्ध होने पर पीड़ित को आर्थिक
सहायता दिये जाने का प्राविधान है। जिसमे किसी महिला की लज्जा भंग करने
के आशय से उसपर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग या निर्वस्त्र करने के आशय
से स्त्री पर हमला एवं लैंगिक शोषण पर अपराध से पीड़ित सदस्य को रू0
200000.00 का 50 प्रतिशत प्रथम सूचना दर्ज होने पर और 25 प्रतिशत न्यायालय को आरोप पत्र भेजे जाने तथा 25 प्रतिशत निचले न्यायालय द्वारा विचारण के समाप्त होने पर दिये जाने का प्राविधान है।
बलात्कार पीड़ित को रू0 500000.00 का 50 प्रतिशत चिकित्सा जाँच और चिकित्सा रिपोर्ट की पुष्टि होने पर, 25 प्रतिशत आरोप पत्र न्यायालय में भेजे जाने पर तथा शेष 25 प्रतिशत अवर न्यायालय द्वारा विचारण के समाप्त होने पर दिये जाने का प्राविधान है। सामूहिक बलात संग में पीड़ित को
825000.00 का 50 प्रतिशत चिकित्सा की पुष्टि, 25 प्रतिशत आरोप पत्र न्यायालय मे भेजे जाने पर तथा शेष 25 प्रतिशत अवर न्यायालय द्वारा विचारण के समाप्त होने पर दिये जाने का प्राविधान है। हत्या के मामलों में पीड़ित
परिवार के आश्रित को रू0 825000.00 का 50 प्रतिशत पोस्टमार्टम के बाद तथा शेष 50 प्रतिशत आरोप पत्र न्यायालय भेजे जाने पर दिये जाने का प्राविधान है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति योजनान्तर्गत रू0 232.675 लाख का आवंटन प्राप्त था जो शत प्रतिशत व्यय कर लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 275 का प्रस्ताव प्राप्त था जिसमें शत प्रतिशत लाभार्थियों के खाते में ई-पेमेन्ट के माध्यम से प्रेषित कर दिया गया है। 275 लाभार्थियों में 07 हत्या, 13 बालात्कार तथा 255 गम्भीर चोट एवं
गाली गलौज से संबंधित है। बैठक मे इस वर्ष के प्राप्त शेष प्रकरणों मे भी शीघ्र कार्यवाही का निर्देश दिया। बैठक मे क्षेत्राधिकारी नगर, समाज कल्याण अधिकारी, जिला प्रोवेशन अधिकारी तथा सदस्य एम0एल0सी0 विशाल सिंह चंचल के प्रतिनिधी पप्पु सिंह, आर0सी0
खरवार, सविता सिंह, एवं अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित थे।