दूल्हा हवालात में , दुल्हन की लोटे से हुई शादी

वलियां (फेफना )- बिन दूल्हा के बरात की कहावत तो आपने बहुत सुनी होगी लेकिन बिना दूल्हे के शादी और बेटी की विदायी की घटना शायद ही कभी सामने आयी हो। तीखा गांव के एक फौजी दूल्हे को ऐन शादी के दिन पूरी रात हवालात में काटनी पड़ी। हालांकि उसकी शादी में कोई बाधा नहीं आयी और दोनों पक्षों की सहमति से ‘लोटे’ को दूल्हे का प्रतीक मानकर गुरुवार की रात को ही शादी की रस्में पूरी हो गई। सुबह बारातियों के साथ दुल्हन ससुराल आ गई। उधर, पुलिस ने प्रेमिका की ओर से पांच साल पहले दर्ज कराये गये मुकदमे में जारी गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) पर शुक्रवार को युवक को चालान करके न्यायालय भेज दिया।
पुलिस के अनुसार गड़वार थाना के सिंहाचवर गांव निवासी कृष्णदेव यादव की बड़ी बेटी की शादी फेफना थाना के तीखा गांव में अवधेश यादव के साथ 2008 में हुई थी। शादी के बाद से कृष्णदेव की छोटी बेटी ज्योति अपनी बहन के घर आती जाती थी। इस दौरान ज्योति व अवधेश के चचेरे भाई शिवप्रसाद यादव के बीच नजदीकी बढ़ गयी। ज्योति का कहना है कि दोनों परिवारों की सहमति से शिवप्रसाद ने मार्च 2011 में उचेड़ा के चंडी माता मंदिर में शादी की। परम्परागत तरीके से शादी व विदाई की तिथि तय करने की बातचीत चल ही रही थी तभी शिवप्रसाद सेना में भर्ती हो गया। इसके वह बार-बार धूमधाम से शादी रचाने का वादा करता रहा। युवती का आरोप है शादी का झांसा देकर शिवप्रसाद ने शारीरिक शोषण भी किया। हालांकि इसी बीच, खेजुरी थाना क्षेत्र के एक गांव में शादी तय कर ली और तिलक की रस्म भी पूरी हो गयी। गुरुवार को शिवप्रसाद की बारात जानी थी।
इसकी जानकारी होने पर ज्योति अपने पिता व मामा के साथ शिवप्रसाद के घर पहुंच गयी। वहां हंगामा होने लगा। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस शिवप्रसाद को पकड़कर थाने लायी। थाने पर जानकारी मिली कि ज्योति की ओर से वर्ष 2013 में गड़वार थाने में दर्ज केस में शिवप्रसाद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी है। इस आधार पर पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। पुलिस ने पहले समझौता कराने का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी तो शिवप्रसाद को गिरफ्तार करके साथ ही दोनों पक्षों के लोगों को वापस भेज दिया गया। उधर, दूल्हे की गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बावजूद दुल्हन पक्ष शादी के लिए राजी हो गया। विकल्प के तौर पर लोटे को दूल्हे का प्रतीक मानकर पंडितों ने शादी की रस्में पूरी करा दीं।