दृष्टिहीन को 18 दिन से थाने का चक्कर लगवाते एस०ओ० हुजूर

गाजीपुर- पीड़ितों को न्याय दिलाने व अच्छा व्यवहार करने का दावा करने वाले पुलिस विभाग के अधिकारियों की पोल उनके मातहत ही खोल रहे हैं। दबंगों के करतूत से परेशान दृष्टिहीन मुकदमा दर्ज कराने के लिए 18 दिनों से थाने का चक्कर काट रहा है लेकिन पुलिस प्रार्थना पत्र लेने को भी राजी नहीं है।

दोनों आंखों से दृष्टिहीन सातनपुर गांव निवासी प्रमोद कुमार यादव की बहन की शादी छह मई को थी। रात के पहर बरातियों को भोजन वगैरह कराया जा रहा था। आरोप है कि उसी दौरान गांव के दबंग पहुंचे और पुरानी रंजिश में बरातियों को पीटने लगे। विरोध पर दूल्हे के भाई दुर्गेश यादव को मारपीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिए। मारपीट की घटना के बाद बहन के ससुराल वाले उसे ले जाने से इंकार कर दिए। काफी मान-मनौव्वल के बाद 10 मई को वे पुलिस के मौजूदगी में विदाई कराकर ले गए। बहन की विदाई के बाद प्रमोद अपने पिता रामअवतार के साथ दबंगों के खिलाफ कार्रवाई को थाने पहुंचा तो पुलिसकर्मियों ने उसे डांट कर भगा दिया। पुलिसकर्मियों के इस व्यवहार से वह घर लौट आया। एक-दो दिनों बाद वह फिर थाने पहुंचा और प्रार्थना पत्र दिया तो उसे पढ़कर थानाध्यक्ष भड़क गए। आरोप है कि उन्होंने कहा कि तहरीर में लूट की जो घटना दर्ज है उसे हटाने के बाद ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा। तब से वह थाने का चक्कर काट रहा है। इस संबंध में थानाध्यक्ष हिमेंद्र सिह का कहना है कि पूरे मामले की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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