नवली कांड- घर जलता रहा , लोग रोटियां सेकते रहे

गाजीपुर-नवली गांव में मारपीट, पथराव व फायरिंग की घटना के बाद ज्यादातर पुरुष व युवा घर छोड़कर फरार हो गए हैं। घर में केवल महिलाएं बची हैं। वे भी दरवाजा बंद कर खिड़कियों से आने-जाने वाले लोगों को देख रही हैं। गांव में इस कदर भय व्याप्त है कि कोई घर से निकल नहीं रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस जिसको भी देख रही है तो उसी को उठाकर वाहन में बैठा ले रही है। सड़क पर बिखरे ईंट बयां कर रहे कहानी
नवली चट्टी पर तोड़ी गई गुमटियां व सड़क पर बिखरे ईंट को टुकड़ों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि मामूली बात को लेकर कितना विवाद हुआ होगा। दोनों पक्ष आमने-सामने हुए तो दनादन ईंट-पत्थर चलने लगे। कई गुमटियों को तोड़कर सामान वगैरह भी लूट लिया गया। हालांकि पुलिस के पहुंचने के बाद बवाल करने वाले भाग खड़े हुए। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर लगा रहे आरोप
नवली में बवाल के बाद दोनों पक्ष के लोग एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। राजपूत पक्ष के लोगों का कहना है कि मंगलवार को प्रधानप्रतिनिधि लालबहादुर सिह अपने पुत्र प्रदीप सिह को अनुसूचित बस्ती के एक चालक को बुलाने के लिए भेजे। वहीं किसी बात को लेकर प्रदीप व अनुसूचित जाति के युवकों से विवाद हो गया। आरोप है कि अनुसूचित जाति के युवक प्रदीप को मारपीट दिए। इसकी जानकारी जब राजपूत बस्ती के लोगों को हुई तो वे पूछताछ करने पहुंचे तो वे उग्र होकर पथराव शुरू कर दिए, जबकि अनुसूचित जाति के लोगों का कहना है कि प्रधानप्रतिनिधि के पुत्र प्रदीप नवली चट्टी स्थित मोबाइल की दुकान पर रिचार्ज कराने पहुंचे। यहां दुकानदार ने पुराने बकाये के कारण उधार रिचार्ज करने से मना कर दिया तो वे दुकानदार मन्नू से भिड़ गए और मारपीट शुरू कर दिए। हालांकि मामला जो भी हो पुलिस जांच कर रही है। मांमले को लेकर राजनैतिक रोटी सेंकने का खेल भी खुब चला। बसपा के लोगों ने शुरू-शुरू में पुरे कृत्य के लिए पुर्व कैविनेट मंत्री ओमप्रकाश सिह को दोष दिया लेकिन बाद में बसपा नेता अफजाल अंसारी ने ओपी सिह को क्लीन चीट दे दिया। दुशरी तरफ भाजपा की दो विधायक सुनीता सिह और अलका राय भी देर रात 10 बजे तक धरने पर बैठी रही और अन्त में प्रशासन ने जब उन्हे मजिस्ट्रेटी जाँच कराने का भरोसा दिलाया तो उन्हो ने भी अपना धरना समाप्त कर दिया। खैर घटना में सचाई क्या है ? यह तो जाँच के बाद ही पता चलेगा।