परिषदीय विद्यालयों के नहीं जल रहे चूल्हे, नौनिहाल भूखे

गाजीपुर – प्राथमिक विद्यालयों में प्रति बच्चा 4.13 रुपये और जूनियर हाईस्कूल में 6.18 रुपये कन्वर्जन कास्ट दिया जाता है। फल के लिए चार रुपये प्रति छात्र निर्धारित किया गया है। भोजन बनाने के लिए नियुक्त रसोइयों को 1000 हजार रुपये मानदेय निर्धारित है। योजना के सफल क्रियान्वयन को माता-अभिभावक संघ, विद्यालय प्रबंधन समिति का गठन तथा रसोइयों का चयन किया गया है। करोड़ों रुपये खर्च के बाद अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिम्मेदारों की लूट-खसोट नीति के चलते तमाम विद्यालयों में चूल्हे नहीं जलते, जहां भोजन बन भी रहे वहां मेन्यू को ताक पर रख दिया जाता है। गुणवत्ता परखने के लिए बनी कमेटियां व अधिकारी अपने हिसाब से कागज का पेटा भर देते हैं।

परिषदीय स्कूलों का सच जानने के लिए जब गाजीपुर टुडे की टीम ने करण्डा विकास खंण्ड के कई स्कूलों का भ्रमण किया और बच्चों से मध्याह्न भोजन के बारे में पुछा तो बच्चों ने नकारात्मक उत्तर दिया। स्कूल खुले लगभग एक सप्ताह बीत जाने के बाद अभी तक एक भी दिन मिड-डे मील का खाना नहीं बना। विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों कहना है कि इसकी शिकायत ग्राम प्रधान एवं एबीएसए से की गई है। ग्राम प्रधानों से जब इस संदर्भ में बात किया गया तो लगभग सभी ग्राम प्रधानों ने कहा की अभी बच्चे कम आ रहे है , सोमवार से खाना बनेगा।

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