बलि का बकरा बनेंगे खंण्ड विकास अधिकारी

गाजीपुर -स्वच्छ भारत अभियान लगातार नियमों के हेरफेर से देर होती जा रही है। प्रदेश सरकार ने 2 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश को खुले में शौच मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित कर रखा है लेकिन नियमों में परिवर्तन, मजदूरों की अनुपलब्धता और कर्मचारियों की मनमानी के कारण लक्ष्य को समय पर पूर्ण करना मुश्किल दिख रहा है। प्रति सप्ताह शासन स्तर से इसकी समीक्षा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हो रही है। ताजा मामला यह आया कि जिला पंचायत राज कार्यालय से लगभग 80 ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण के लिए धनराशि प्रेषित करने की फाइल चलाई गई। इसमें प्रथम व द्वितीय किस्त की भेजी जानी थी। मुख्य विकास अधिकारी के यहां से महीनों में तैयार हुई पत्रावली वापस आ गई इस निर्देश के साथ कि इसकी संस्तुति खंड विकास अधिकारियों से कराई जाय। अब खंड विकास अधिकारियों को अपने क्षेत्र में होने वाले शौचालय निर्माण का मुख्य जबावदेह बनाया गया है। अब तक यह कार्य सहायक विकास अधिकारी पंचायत करते रहे हैं। 80 ग्राम पंचायतों की फाइल भी एडीओ पंचायतों की अनुशंसा पर अग्रसारित की गई थी। अब इन फाइलों को दोबारा ब्लाक पर भेजा गया है। वहां से खंड विकास अधिकारियों की संस्तुति के बाद मुख्य विकास अधिकारी स्वीकृति प्रदान करेंगे। इस प्रक्रिया में कितना वक्त लगेगा और फिर धन कब तक ग्राम पंचायतों के खाते में पहुंच सकेगा इसकी जानकारी देने वाला कोई नहीं है। द्वितीय किस्त और शौचालय का निर्माण पूर्ण कर लेने वाले लाभार्थी तथा ग्राम पंचायतें इसके लिए परेशान हैं।

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