मरदह- आंगनबाडीयों से प्रमोशन के फार्म पर हस्ताक्षर का पैसा वसूली

गाजीपुर-मरदह बाल विकास परियोजना पर नियुक्त सीडीपीओ और सुपरवाइजर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से उनके प्रमोशन के फॉर्म पर हस्ताक्षर के लिए एक मुल्य निर्धारित कर दिया है । प्रमोशन फार्म पर हस्ताक्षर करने के लिए, सी.डी.पी.ओ.को ₹500 और ₹200 सुपरवाइजर को चाहिए ।आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के भोलेपन का नाजायज फायदा वर्षों से परियोजनाओं पर तैनात सीडीपीओ व सुपरवाइजर कई दशक से लेते चले आ रहे हैं ।ICDS की स्थापना 1975 के अक्टूबर महीने में हुई थी। इन सुपरवाइजरों और सी.डी.पी.ओ. की लूटपाट का आलम यह है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से प्रति वर्ष की खाली पोषाहार के बोरियों का पैसा जोड़कर वसुलती है । आंगनवाड़ी केंद्र के किराए मे भी 50% हिस्सा लेती हैं। यही नहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को परियोजना से अपने केंद्र तक पोषाहार ले जाने के लिए कोई भाडा नहीं मिलता है। इनके केन्द्र की जाँच करने के लिए जब सुपरवाइजर जाती हैं तो ,वहां आंगनबाडी से पेट्रोल का खर्च भी लिया जाता है। इनके शोषण का आलम यह है कि इनको 20 से 25 रजिस्टर को पूर्ण करना पड़ता है लेकिन उस रजिस्टर को खरीदने का पैसा भी ना तो केंद्र सरकार देती है और न राज्य सरकार देती है। जनवरी 31 , 2018 तक प्रमोशन का फार्म भर कर लखनऊ स्थित निदेशालय को भेजना है । आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के प्रमोशन की शर्त यह है कि उसने कम से कम 10 वर्ष की सेवा पुर्ण किया हो तथा जिसकी आयु 50 से अधिक न हो।