माँ के बाद बेटे की डेंगू से मौत ,परिवार में कोहराम

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गाजीपुर- सैदपुर तहसील क्षेत्र के अमेहता गांव निवासी अच्छेलाल विश्वकर्मा की पत्नी इंद्रकला आयु 50 वर्ष की तबीयत दस दिन पहले अचानक खराब हुई थी। घरवाले स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले आए। यहां जांच में डेंगू से ग्रसित पाए जाने पर चिकित्सक ने प्राथमिक इलाज के बाद वाराणसी रेफर कर दिया। वाराणसी के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान इंद्रकला देवी की बीते गुरुवार को मौत हो गई। इस बीच ही इंद्रकला के पुत्र किशन आयु16 वर्ष की भी तबीयत बिगड़ गई। किशन को घरवाले इलाज के लिए वाराणसी के सारनाथ स्थित निजी अस्पताल में ले गए। वहां जांच में किशन भी डेंगू से पीड़ित मिला। चिकित्सक ने हालत गंभीर देख किशन को बीएचयू रेफर कर दिया। बीएचयू में दो दिन इलाज के बाद शनिवार को घरवाले किशन को निजी चिकित्सक के यहां ले गए। वहां इलाज के दौरान रविवार की भोर में किशन ने दम तोड़ दिया। पत्नी की मौत के बाद अच्छेलाल विश्वकर्मा ने दाह-संस्कार किया था। वह घर पर ही थे कि पुत्र की मौत का पता चला तो घर पर कोहराम मच गया। किशन दो भाईयों व पांच बहनों में छोटा था। वह ईशोपुर स्थित रामकरन इंटर कालेज में कक्षा दस का छात्र था। एक ही परिवार में दो लोगों की मौत के बाद घरवालों के अलावा ग्रामीण भयभीत हैं। ग्रामीण तनवीर, विनय विश्वकर्मा, कामेश्वर गुप्ता आदि ने बताया कि सरकारी चिकित्सा विभाग की कोई भी टीम अब तक गांव में नहीं आई। गांव में और कई लोग बुखार से पीड़ित हैं। अब ग्रामीण डेंगू की आशंका को लेकर बार-बार चिकित्सालय का चक्कर लगा रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता कमलेश यादव ने विभागीय अधिकारियों का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराते हुए गांव में दवाओं का वितरण कराने व आवश्यक छिड़काव कराने की मांग की है।

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