मोदी जी के नोट बन्दी का असर , मजदूरों और फैक्टरीयो के लिए बना जानलेवा कहर

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भारत के प्रधानमंत्री माँ० नरेन्द्र दामोदर दास मोदी के नोट बंदी का असर अब धीरे-धीरे दिखने लगा है। आगरा के पेठा उद्योग की 80 % इकाई बन्द हो गयीं हैं। फ्रिज ,टीवी उद्योग ने अपने उत्पादन मे 50 % की कटौती कर दिया है। मथुरा के साडी छपाई कारखानो ने छपाई बन्द कर दिया है जिस से 5000 मजदूर बेरोजगार हो गये।नकदी संकट के चलते कानपुर पान मसला उद्योग ने नये माल बनान बन्द कर , गोदाम मे डम्प माल को धीरे-धीरे बाजार मे खपा रहे है।  अपने पाँटरी उद्योग के लिये मसहूर खुर्जा की हालत यह है कि 300 इकाइयों मे से 140 बन्द हो गयी है। आगरा के जूता उद्योग के बिभिन्न काम मे 8500 इकाई कार्यरत है । इनमें से अधिकांश मे ताला बन्दी हो चूका है। दोपहिया बाहनो का उत्पादन 40 से 50 % गिरचूका है। बिभिन्न उद्योगिक नगरो जैसे नोयडा,फरीदाबाद, गुडगाँव ,सुरत,अहमदाबाद मे जब फैक्टरीयाँ बन्द होगी और उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों के मजदूर जब बेरोजगार हो कर घरों को लौटेगे तब उत्तर प्रदेश के विधान सभा चूनाव मे भाजपा का क्या हाल होगा ? यह तो समय ही बतायेगा। बाजार मे जब खरीद दार ही नही होगा तो फैक्टरीयाँ उत्पादन ही क्यों करेगी और जब उत्पाद बन्द होगा तो फैक्टरी बन्द होगी और जब फैक्टरी बन्द ह़ोगी तो मजदूर बेरोजगार होगा। इस के बाद आयेगा मजदूरो के अच्छे दिन ।

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