लेखपालों का कमाल और किसान बेहाल- फोरलेन मार्ग

वाराणसी-गोरखपुर प्रस्तावित फोरलेन एनएच-29 चौड़ीकरण बाईपास में अधिग्रहित रामपुर बंतरा व अतरसुंआ ग्राम की जमीन के बाबत फाइल जमा कराने के लिए एडीएम वित्त राजस्व के निर्देश पर पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामपुर बंतरा व अतरसुंआ बेसिक प्राइमरी पाठशाला पर कैंप आयोजन किया गया। इसमें एक भी किसान ने अपनी फाइल जमा नहीं किया। इस दौरान राजस्व और एनएचएआई के अफसरों के खिलाफ किसानों ने जमकर नारेबाजी करके विरोध जताया। बोले, अधिकारी किसानों का शोषण बंद करें।

तहसीलदार सैदपुर रामसुधार के नेतृत्व में गठित लेखपालों की टीम पूर्व माध्यमिक विद्यालय रामपुर बंतरा प्राइमरी विद्यालय अतरसुआ पर प्रात: 10 बजे से तीन बजे तक किसानों का इंतजार किए, लेकिन एक भी किसानों ने अपनी फाइल नहीं जमा किया। किसानों ने तहसीलदार के समक्ष जमकर सरकार विरोधी नारे लगाएं तथा अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजे की मांग की। किसानों ने कहा कि उनकी कीमती जमीन का सही मुआवजा नहीं दिया जा रहा है। हमारी कीमती जमीन की कीमत 4200000 प्रति हेक्टेयर लगाया गया, जो काफी कम है। किसानों ने कहा कि हमारी भूमि की कीमत औसत के आधार पर लगायी जाए, तभी हम किसान रोड को बनने देंगे। सरकार हमारी भूमि का उचित मुआवजा नहीं देती है, तो हम किसान आंदोलन व आत्मदाह के लिए बाध्य होंगे। इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार एवं जिलाधिकारी कि होगी। इस दौरान पप्पू राय, संजय यादव, रिंकू खरवार, विशेश्वर प्रधान, शिव शंकर यादव, चंद्रकांत खरवार, रामधारी यादव, जयप्रकाश प्रधान, शिवनारायण, लालचंद बिंद, कन्हैया बिंद, रामसूफेर यादव, प्रमोद पांडेय, जोखू विंद ग्यासुद्दीन समेत सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।

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