वाह ! रे आपुर्ति विभाग और गाजीपुर के कोटेदार
गाजीपुर -राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम जैसी जनकल्याणकारी योजना को पलिता कैसे लगाया जाता है, इसे गाजीपुर के कोटेदार और जिलापुर्ति विभाग से बखुबी सिखा जा सकता है।राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू करने के लिये भारत सरकार ने पुर्व के कार्डधारकों के सत्यापन व नये पात्रो के चयन हेतू गाँव से लेकर शहर तक सरकारी कर्मचारीयो को तैनात कर दिया था। ग्रामीण क्षेत्र मे सरकारी आधिकारी और कर्मचारीयों ने यह कार्य कोटेदारो को सौप दिया था। कोटेदारो ने अपने फायदा के लिए पात्रता सुची मे ऐसे -ऐसे नाम डाल दिया था जिन्हे राशन की कोई आवश्यकता ही नही था और तो और माता का नाम सही तो पिता या पति का नाम फर्जी था। जिन्हे वास्तव मे पात्रता सूची मे होना चाहिए उन्हे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। सुची प्रकाशन के बाद मचे हंगामे के चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने सुची मे संशोधन का अधिकार , जिलापुर्ति अधिकारी व उपजिलाधिकारी को सौंप दिया। इसी शासनादेश का फायदा उठा कर विभागीय अधिकारी और कोटेदार प्रतेक महिना की 22 तारीख से पुर्व सुची को संसोधित कर बढा लेते है और बढा हुआ राशन उठा कर , फिर सुची को संसोधित कर घटा देते है और अतिरिक्त राशन को खुले बाजर मे बेच कर आपस मे बांट लेते है। गोदाम से राशन उठाने कि नियत तिथि 22 से 30 है। इस तिथि मे ये कोटेदार आपुर्ति कीये गये सरकारी बोरों को बदल कर , खाद,चीनी ,बीज आदि बोरे मे भर कर ट्रैकटर पर लाद कर जंगीपुर मंडी मे आराम से बेच देते है।