वाह रे करण्डा , मृतक भी करते है मनरेगा में काम

गाजीपुर- करण्डा विकास खंण्ड के मांहेपुर गांव में विकास कार्य के नाम हुए गोलमाल का खुलासा आरटीआई से होने के बाद वर्तमान प्रधान के काफी प्रयास पर डीएम द्वारा तीन सदस्यीय टीम जांच कार्य में जुट गई है। जांच के दौरान ही वर्ष 2011-12 में हुए मनरेगा के तहत कार्यों में बीते वर्ष 2009 में मृत अमलधारी बिंद को कागजों में तीन वर्ष पूर्व जिंदा करके मस्टर रोल पर 15 दिन का कार्य दर्शाया गया और धन भी निकाल लिया गया। इसी तरह गांव के प्राथमिक विद्यालय पर रसोइया के पद पर तैनात एक महिला को मनरेगा मजदूर बनाने के साथ वित्तीय वर्ष 2011-12, 12-13 में 50 दिन का कार्य मस्टरोल पर फर्जी हस्ताक्षर दिखाकर पैसा निकाला गया है। फर्जीवाड़े का आलम यह है कि विदेश में रहने वाले लोगों का नाम भी मस्टररोल में दर्ज कर पैसा उतारने का काम किया गया है। मनरेगा के नाम 52 लाख रुपये गोलमाल किया गया है। इधर जांच टीम का नेतृत्व कर रहे डीसी मनरेगा महेश पांडेय ने वर्तमान ग्राम प्रधान हवलदार चौधरी को शेष अभिलेख और रिकार्ड रखने को कहा है, साथ ही दो दिन बाद शेष गोलमाल के पूरे मामले की जांच करने के बारे में बताया है। मनरेगा के कार्यों की जांच-पड़ताल से सिस्टम से जुड़े अधिकारियों तथा कर्मचारियों में खलबली मची हुई है। इतना ही नहीं ग्रामीण भी जांच को लेकर काफी चौकन्ना हैं। उधर जांच में जिन जनप्रतिनिधि तथा अधिकारियों की गर्दन फंस रही है उनकी बेचैनी बढ़ गई है। कुछ लोग अभी से जांच को प्रभावित करने में जुटे हुए हैं। साथ ही जांच टीम पर दबाव भी बनाया जा रहा है। डीएम के बालाजी ने बताया अभी तक इस मामले में वर्तमान प्रधान द्वारा कोई कागजात नहीं दिया गया है। कागजात आने के बाद पूरे मामले की जांच कराई जाएगी।

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