वाह रे! प्रधान और पंचायत सचिव , डकार गये 22 लाख
गाजीपुर – भांवरकोल विकास खण्ड के महेंद गांव के प्रधान और पंचायत सचिवों ने आपस में मिलीभगत से ग्राम पंचायत के विकास कार्यों की धनराशि को निकालकर बंदरबांट कर लिया। 14वें वित्त आयोग के खातों की जांच में 22 लाख का घोटाला सामने आया है। जांच फाइल जब डीएम के पास गई तो उन्होंने सख्त रुख दिखाते हुए खातों को सीज कर दिया और समिति बना दी। वहीं कई अंन्य ग्राम पंचायतों पर भी जांच शुरू कर दी है।
भांवरकोल ब्लाक के महेंद गांव में निवासी सकिल अहमद ने जिलाधिकारी के बाला जी को ग्राम पंचायत में चल रहे घोटाले की जानकारी दी थी। सरकारी धनराशि के रुपयों का दुरूपयोग बताते हुए शपथ पत्र के साथ शिकायती पत्र सौंपा था। इसमें बताया कि ग्राम प्रधान और दो सचिवों ने वर्ष 2015 से लेकर अबतक राज्यवित्त और 14वां वित्त आयोग की धनराशि में हेरफेर किया। कई फर्जी बिल लगाए तो बिना विकास के खातों से पैसा निकला लिया। अपने करीबियों के नाम पर चेक बनाकर उनसे रुपया ले लिया।
आवास, सड़क समेत मूलभूत सुविधाओं के मद में गबन की शिकायत को जिलाधिकारी ने मामले को गम्भीरता लिया। डीएम ने 29 दिसम्बर को सहायक अभियंता लघु सिंचाई को इसका जांच अधिकारी नामित किया। 19 मार्च को सहायक अभियंता ने अपनी रिपोर्ट सौंपी और इसमें ग्राम प्रधान कमरुन और तत्कालीन पंचायत सचिव मयंकधर राय समेत वर्तमान सचिव ओमप्रकाश राम को दोषी पाया। डीपीआरओ की तरफ से इन लोगों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया था लेकिन कोई भी संतोषजनक जबाव नहीं दे सका।