विकास भवन – अथ श्री किराया कथा पुराण

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गाजीपुर- पांच सरकारी कार्यालयों के किरायेदारी को लेकर मुख्‍य विकास अधिकारी हरिकेश चौरसिया और पांचो विभाग के मुखिया आमने-सामने हो गये है। पांचो विभाग के प्रमुखों का कहना है कि विकास भवन सरकारी भवन है हमारा विभाग भी सरकारी विभाग है। विकास भवन से न तो किराये के लिए कोई एग्रीमेंट हुआ है और न ही कोई सरकारी अनुबंध हुआ है तो किस बात का किराया। इधर मुख्‍य विकास अधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला मत्‍सय अधिकारी, समाज कल्‍याण अधिकारी को फरमान सुनाया है कि 1998 से लेकर आजतक का किराया जल्‍द से जल्‍द जमा कर दें नही तो सख्‍त कार्रवाई होगी। ज्ञातव्‍य है कि 1998 में विकास भवन का उद्घाटन तत्‍कालीन सीएम कल्‍याण सिंह ने किया था। तत्‍कालीन डीएम राजन शुक्ला के आदेश पर आनन-फानन में वे सभी विभाग जो प्राईवेट भवन में किराये पर रहते थे वह अपना बोरिया-बिस्तर समेट कर विकास भवन में सिफ्ट हो गये। तबसे लेकर आज तक उसी व्‍यवस्‍था के तहत यह पांचो विभाग विकास भवन में कार्यरत है। विगत दिनो किराये के नोटिस को लेकर इन पांचो विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। इस संदर्भ में जिला विद्यालय निरीक्षक एके मिश्रा ने बताया कि किराये के लिए नोटिस देना सरासर गलत है,जब विभाग सेकिराये के लिए कोई एग्रीमेंट नही है तो फिर किराया कैसा। हमारा विभाग भी उत्‍तर प्रदेश सरकार के अधीन है और विकास भवन भी उत्‍तर प्रदेश सरकार की सम्‍पत्ति है। इसके लिए शासन से कोई शासनादेश नही आया है। जब तक शासन का कोई आदेश नही आयेगा तबतक हम मुख्य विकास अधिकारी के आदेश का अनुपालन नहीं करेंगें।

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