विधान सभा मुहम्मदाबाद गाजीपुर, फिर होगी बाहुबल की परीक्षा
गाजीपुर की सबसे संवेदनशील विधान सभा मुहम्मदाबाद मे फिर एक बार बाहुबल की परीक्षा होने जा रही है। वर्ष 1985 से मुहम्मदाबाद विधान सभा पर अंसारी बंन्धुओ का हुआ कब्जा आज भी बरकरार है। वर्ष 2002 मे भाजपा के दबंग नेता स्व० कृष्णा नन्द राय ने अंसारी बंन्धुओ से विधान सभा मुहम्मदाबाद जीतने मे कामयाब हुए। भाजपा के दबंग नेता स्व० कृष्णानन्द राय को इस विजय की कीमत वर्ष 2005 मे अपनी जान दे कर चूकानी पडी। स्व०कृष्णानन्द राय की मृत्यु के बाद हुये उपचुनाव मे उनकी पत्नी अलका राय सहानुभूति के चलते उपचुनाव जीत गयी।
वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव मे अंसारी बंन्धु अपने आप को साबित करने के लिये या अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए ही अखिलेश से अपमानित होने के बाद भी कौएद का सपा मे बिलय स्वीकार किया है। अगर सपा मे कौएद का बिलय नही होता तो सपा,बसपा, भाजपा और कौएद का चार तरफा मुकाबला होता तो इस का सीधा फायदा भाजपा को होता। भाजपा आज मोदी लहर पर सवार है तो दुसरी तरफ गाजीपुर की भाजपा मनोज सिन्हा के विकास पुरुष की ताकत से लैस है।
विधान सभा मुहम्मदाबाद मे कुल मतदाता 3 लाख 70 हजार है। भूमिहार मतदाताओं की संख्या 1 लाख 25 हजार के आसपास है। दलित मतदाता 65 हजार ,यादव 30हजार, मुस्लिम 25हजार, वनियाँ 20 हजार, कुशवाहा 18 हजार और 50 हजार के आसपास है। मुहम्मदाबाद विधान सभा का चुनाव इस बार भाजपा के संभावित उम्मीदवार आन्नद राय उर्फ मुन्ना राय और सपा के संभावित उम्मीदवार सिबगतुल्लाह अंसारी के ही मध्य होता दिख रहा है।