विधायक जी तो बुरे फंसे

गाजीपुर –भाजपा की सहयोगी पार्टी भासपा के जखनियां विधायक त्रिवेणी राम की परेशानी एक बार फिर बढ़ गई है। उनके खिलाफ घोटाले के पुराने मामले की फाइल दोबारा खुलेगी। इस आशय का आदेश हाईकोर्ट ने डीएम गाजीपुर को दिया है। मामला मुहम्मदाबाद ब्लाक की करमचंदपुर ग्राम पंचायत का है। यह त्रिवेणी राम की पैतृक ग्राम पंचायत है और विधायक चुने जाने से पहले त्रिवेणी राम वहां के प्रधान थे। लगातार चार बार से वह प्रधान चुने जाते रहे। उस कार्यावधि में विभिन्न योजनाओं में लाखों रुपये के घोटाले के आरोप लगे। ग्राम पंचायत के ही राजीव रंजन सिंह ने इसकी शिकायत ऊपर तक पहुंचाई। तब वर्ष 2014 में तत्तकालीन डीएम ने इसकी जांच का आदेश दिया। जांच की जिम्मेदारी तत्कालीन डीडीओ सुरेशचंद्र राय को सौंपी गई। बताया जाता है कि जांच की शुरुआत में ही 56 लाख रुपये के घोटाले की पुष्टि हुई। यह घोटाला मनरेगा, शौचालय, व आवास योजना में हुआ बताया गया। आगे की कार्रवाई होती उसके पहले ही त्रिवेणी राम जखनियां विधायक निर्वाचित हुए। फिर तो उनके खिलाफ की फाइल बंद हो गई। आखिर में शिकायतकर्ता राजीव रंजन सिंह इस मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे। जहां हाईकोर्ट ने डीएम गाजीपुर को आदेशित किया कि जांच की कार्रवाई शीघ्र पूरी की जाए। इस संदर्भ में जिलाधिकारी ने कहा कि हाईकोर्ट ने दो माह के भीतर जांच प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है। इस आदेश का अनुपालन होगा। उधर जखनियां विधायक त्रिवेणी राम ने कहा कि सभी आरोप राजनीतिक द्वेष के तहत लगे हैं। वह खुद चाहते हैं कि इस पूरे मामले की जांच हो। पूर्व के जांच अधिकारी तत्कालीन डीडीओ सुरेशचंद्र राय ने उन्हें जानबूझ कर फंसाया था। रही बात उनके खिलाफ शिकायत करने वाले राजीव रंजन सिंह की तो वह उनसे पांच बार ग्राम प्रधानी का चुनाव हार चुके हैं। लिहाजा इसी खुन्नस में उन्होंने उनके खिलाफ झूठी शिकायतें की गयी है।

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