शैक्षणिक सत्र नया लेकिन किताबें पुरानी
जिले में 1953 प्राथमिक एवं 802 उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी नि:शुल्क पाठ्य पुस्तकें प्रदेश सरकार की तरफ से ही उपलब्ध कराई जानी है। इसका लाभ प्राथमिक के दो लाख बारह हजार और उच्च प्राथमिक के 58 हजार अध्ययनरत बच्चों को मिलेगा। इसके अलावा जिले में संचालित बेसिक के सहायता प्राप्त विद्यालयों में भी उपलब्ध कराया जाना है। इनकी संख्या हजारों में है। पिछले सत्र में कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए कुल बीस पाठ्य पुस्तकें ही उपलब्ध कराई गई थी। इन पुस्तकों में कक्षा एक के लिए सिर्फ एक पुस्तक, कक्षा -2 के लिए दो पुस्तक, कक्षा-3 के लिए पांच पुस्तक और कक्षा-4 एव कक्षा-5 के लिए छह-छह किताबें पढ़ने के लिए दी गई थी। जबकि उच्च प्राथमिक स्तर पर कक्षा-6, कक्षा-7 और कक्षा-8 के लिए कुल 33 किताबें आवंटित की गई थी। इन किताबों में तीनों कक्षाओं के लिए दस-दस किताबें दी गई थी। तीन किताबें तीनों कक्षाओं के लिए कॉमन थी। वही किताबें इस सत्र में भी वितरित की जाएंगी। एनसीईआरटी की तरफ से एक मात्र अंग्रेजी की पाठ्य पुस्तक आनी है, लेकिन उसका भी कोई भरोसा नहीं है कि वह बच्चों को कब तक उपलब्ध कराई जाएंगी ? हालांकि वर्तमान शैक्षिक सत्र शुरू हुए एक सप्ताह का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक एक भी विषय की पुस्तक बच्चों को उपलब्ध नहीं हो पाई है। बच्चों को बिना पाठ्य पुस्तकों के खाली हाथ विद्यालय आने और जाने का सिलसिला जारी है। कुछ विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों का कहना है कि गत वर्ष भी यह पुस्तकें दो से तीन माह बाद बच्चों को उपलब्ध हो सकी थी। इस संबंध में जिला समन्वयक समेकित शिक्षा अनुपम गुप्ता ने कहा कि बीएसए की तरफ से सभी एबीएसए को निर्देश दिया गया है कि वह अभी पुरानी किताबों से ही पढ़ाएं। शासन स्तर से जल्द किताबें उपलब्ध करायी जाएंगी।