सेमरा मे सत्तारूढ़ और विपक्ष के खिलाफ भयंकर आक्रोश

गाजीपुर-कटान की विभीषिका को देख कर तत्कालीन सांसद नीरज शेखर ने काफी प्रयास कर प्रदेश की सपा सरकार से 23 करोड़ रुपये की मदद कराकर करीब 1560 मीटर ठोकर का निर्माण कराए। इस कार्य में जहां नीरज शेखर ने ठोकर का निर्माण कराने का बीड़ा उठाया वहीं उसी दल से जुड़े ठेकेदारों ने इसे पूरी तरह से कमाई का जरिया बना लिया। उस समय मानक के अनुरूप निर्माण कार्य न होने की आवाज उठाते रह गए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी। हालात यह हुए कि जो ठोकर गांव को बचाने के लिए बना था वहीं गांव के लिए अभिशाप साबित हो गया। वर्ष 2016 में आई बाढ़ के दौरान निर्माण का पोल खुल गया और जगह-जगह ठोकर ध्वस्त हो गई। ठोकर के साथ ही शेरपुर जाने वाली सड़क भी टूटकर गंगा में समाहित हो गई। वर्ष 2012 से लेकर अब तक ग्रामीण केंद्रीय जल संसाधन मंत्री पवन बंसल व राहुल गांधी से गुहार लगाए। केंद्र में सरकार बदलने के बाद ग्रामीणों का प्रतिनिधि मंडल रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, प्रदेश सरकार के सिचाई मंत्री धर्मपाल सिह, प्रभारी मंत्री ब्रजेश पाठक, जल संसाधन व उसर भूमि परती राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार उपेंद्र तिवारी से मिलकर गांव को बचाने की गुहार लगाए। यही नहीं क्षेत्रीय विधायक अलका राय ने बीत वर्ष मई में जानकारी दी थी कि ठोकर मरम्मत के लिए करीब 12 करोड़ की धनराशि कराने को लेकर प्रयासरत हैं। जल्द ही धन आवंटन हो जाएगा। बावजूद आज तक उसका पता नहीं चल सका।आज से आंदोलन का बजेगा बिगुल, शुरुआत पूजन सेजनप्रतिनिधियोंवअधिकारियों के आश्वासन से ग्रामीण पूरी तरह से ऊब चुके हैं। जागरण के अभियान के बाद अब वह गांव को बचाने के लिए आरपार की लड़ाई लड़ने का मूड बना रहे हैं। ग्रामीणों ने सेमरा गांव में मंगलवार को सुबह बैठक कर गांव को बचाने के लिए एक रणनीति को लेकर विचार विमर्श किया। वक्ताओं ने कहा कि एक तरफ मां गंगा के कोप का भाजन हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के उपेक्षात्मक रवैये से राहत कार्य को कराने का समय बीतता जा रहा है। अब बरसात नजदीक आने को है। अगर यही स्थिति बनी रही तो आने वाले समय में हम जनप्रतिनिधियों के भरोसे के शिकार होकर अपना अस्तित्व गंवा बैठेंगे। अब ग्रामीण शांत नहीं बैठेंगे। निर्णय लिया गया कि बुधवार को आंदोलन की शुरूआत मां गंगा के पूजन-अर्चन व अनुनय विनय के साथ होगा। दूसरे दिन जल सत्याग्रह किया जाएगा। इसमें ग्रामीण गंगा में दो घंटे तक अनवरत खड़ा रहकर सरकार के उपेक्षात्मक रवैये का विरोध करेंगे। इसके पश्चात अगले दिन गांव में क्रमिक धरना, उसके बाद अनशन के पश्चात पदयात्रा कर तहसील मुख्यालय पर पहुंचकर घेरा डालो डेरा डालो कार्यक्रम किया जाएगा। बैठक में अशोक राय, मनोज राय, योगेश गुप्ता, श्रीनारायण राय, विनोद राय, ओमप्रकाश राय, चंद्रहास राय, रामजी निषाद, अखिलेश तिवारी, लक्ष्मण निषाद, लोरिक यादव, नंदू यादव, जेठू राम, चंदन रावत आदि शामिल थे। अध्यक्षता रामबचन राय व संचालन प्रेमनाथ गुप्ता ने किया।